
गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर सुल्तानगंज के उत्तरवाहिनी गंगा तट पर आस्था और भक्ति का अद्वितीय संगम देखने को मिला। सोमवार की सुबह से ही हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ सुल्तानगंज में उमड़ पड़ी, जहां वे गंगाजल से अपनी कांवर भरकर बाबा बैद्यनाथ धाम, देवघर के लिए रवाना हो गए।
सावन के प्रारंभ से पूर्व यह माहौल हर वर्ष भक्तों को कांवर यात्रा के शुभारंभ की याद दिलाता है, लेकिन इस बार गुरु पूर्णिमा के साथ इसका संयोग इसे और भी पवित्र और विशेष बना रहा है। श्रद्धालुओं के “बोल बम” के नारों से पूरा सुल्तानगंज गूंजायमान हो उठा।
हर कदम पर विश्वास, हर स्वर में भक्ति
असम से आए एक कांवरिया ने भावुक होते हुए कहा,
“यह यात्रा कठिन जरूर है, लेकिन बाबा भोलेनाथ की भक्ति इतनी शक्तिशाली है कि थकान का एहसास ही नहीं होता। सुल्तानगंज से देवघर की हर एक चढ़ाई, हर एक मोड़ – बाबा के नाम से आसान हो जाती है।”
कई कांवरिये तो सप्ताहों पहले ही सुल्तानगंज पहुंच चुके थे और अब सावन के स्वागत के साथ ही जल यात्रा आरंभ कर रहे हैं। इन कांवरियों के बीच बच्चों, महिलाओं और वृद्धों की भी भागीदारी भक्ति भाव की अनूठी मिसाल पेश कर रही है।
सुरक्षा और व्यवस्था भी चाक-चौबंद
प्रशासन द्वारा सुल्तानगंज में सुरक्षा, चिकित्सा और पेयजल की समुचित व्यवस्था की गई है। स्वयंसेवी संगठन भी रास्ते में श्रद्धालुओं को शीतल जल, फल और विश्राम की सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैं।
बोल बम के जयघोषों से गूंजा सुल्तानगंज
गुरु पूर्णिमा के साथ शुरू हुई यह यात्रा सावन भर जारी रहेगी। सुल्तानगंज से लेकर देवघर तक पूरा मार्ग भगवा रंग में रंगा हुआ है, और बोल बम के जयघोषों से वातावरण भक्तिमय हो गया है। यह केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि श्रद्धा, समर्पण और संयम की परीक्षा है, जिसमें हर वर्ष लाखों भक्त खुद को शामिल कर सौभाग्य मानते हैं।