
Bhagalpur News: विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर भागलपुर व्यवहार न्यायालय ने एक मिसाल पेश की। इस मौके पर न्यायिक संस्थान ने सिर्फ कानूनी दायित्वों तक सीमित न रहकर सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए नशा मुक्ति का मजबूत संदेश दिया।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजकुमार राजपूत के नेतृत्व में न्यायालय परिसर में एक संकल्प सभा आयोजित की गई, जिसमें न्यायिक पदाधिकारी, अधिवक्ता, न्यायालय कर्मी और पारा विधिक स्वयंसेवकों ने भाग लिया। सभा की शुरुआत न्यायाधीश के प्रकोष्ठ के समीप एकत्र होकर सभी प्रतिभागियों द्वारा नशा मुक्त जीवन जीने की शपथ से हुई।
इस मौके पर उपस्थित सभी लोगों ने संकल्प लिया कि वे न केवल स्वयं तंबाकू और अन्य नशे से दूर रहेंगे, बल्कि समाज में भी इसके दुष्परिणामों के प्रति जागरूकता फैलाएंगे। यह आयोजन महज एक औपचारिकता नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव की दिशा में न्यायपालिका की सक्रिय भागीदारी का प्रतीक बन गया।
राजकुमार राजपूत, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, भागलपुर ने कहा:
“नशा एक सामाजिक अभिशाप है। इससे केवल व्यक्ति ही नहीं, उसका पूरा परिवार और समाज प्रभावित होता है। न्याय व्यवस्था का दायित्व सिर्फ कानून लागू करना नहीं, बल्कि सामाजिक जागरूकता बढ़ाना भी है। हम सब मिलकर नशा मुक्त समाज की दिशा में काम करें।”
इस अवसर पर पारा विधिक स्वयंसेवकों ने भी नशा मुक्ति पर प्रेरणात्मक संदेश साझा किए और बताया कि कैसे तंबाकू से कैंसर, हृदय रोग, और फेफड़ों की गंभीर बीमारियाँ जन्म लेती हैं।
कार्यक्रम में मौजूद अधिवक्ताओं ने भी इस पहल का समर्थन करते हुए कहा कि यह आयोजन एक सशक्त सामाजिक संदेश देता है। तंबाकू निषेध दिवस के मौके पर भागलपुर व्यवहार न्यायालय द्वारा किया गया यह प्रयास नशे के खिलाफ चल रही मुहिम को नई ऊर्जा देने वाला है।
यह पहल दिखाती है कि न्यायपालिका केवल न्याय का वाहक नहीं, बल्कि समाजिक सुधार का भी एक सशक्त माध्यम बन सकती है।