
भागलपुर: जिला विधिक सेवा प्राधिकार, भागलपुर की ओर से 13 सितंबर को व्यवहार न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। इसी कड़ी में बुधवार को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह रथ जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में घूम-घूमकर लोगों को लोक अदालत की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराएगा और इसके लाभों के प्रति जागरूक करेगा।
लोक अदालत के महत्व को बताते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि यह मंच जनता के लिए न्याय प्राप्त करने का सबसे सरल और प्रभावी साधन है। यहां न तो किसी तरह की जटिल कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ता है और न ही अतिरिक्त शुल्क देना पड़ता है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने लंबित मामलों के निपटारे के लिए इस अवसर का भरपूर उपयोग करें।
आगामी लोक अदालत में बैंक ऋण, बिजली बिल, पारिवारिक विवाद, मोटर दुर्घटना मुआवजा दावा, आपराधिक मामले और अन्य लंबित वादों का निपटारा आपसी सहमति से किया जाएगा। इससे न केवल समय और धन की बचत होगी बल्कि लोगों को वर्षों तक कोर्ट-कचहरी के चक्कर से भी छुटकारा मिलेगा।
जागरूकता रथ के जरिए लोगों को यह संदेश दिया जा रहा है कि लोक अदालत न्याय दिलाने का ऐसा माध्यम है, जहां बिना किसी लंबी कानूनी प्रक्रिया के तुरंत राहत मिल सकती है। यह पहल न्याय व्यवस्था को और अधिक जनसुलभ बनाने के लिए की गई है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अधिकारियों ने बताया कि न्याय तक सभी की पहुंच सुनिश्चित करना इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि लोक अदालत में समाधान आपसी सहमति से होता है और दोनों पक्षों के बीच संतोषजनक निपटारा सुनिश्चित किया जाता है।
इस मौके पर न्यायिक अधिकारियों और विधिक सेवा प्राधिकार से जुड़े पदाधिकारियों ने भी लोगों से अपील की कि वे अधिक से अधिक संख्या में लोक अदालत से जुड़ें और अपने विवादों का समाधान खोजें।
इस पहल से न केवल न्यायिक बोझ कम होगा बल्कि आम जनता को त्वरित और सुलभ न्याय भी मिलेगा। जागरूकता रथ लगातार गांवों और कस्बों में पहुंचकर लोगों को 13 सितंबर को होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में जानकारी देगा।