
Bhagalpur News: भागलपुर जिले में मलेरिया और फाइलेरिया जैसी बीमारियों पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करने के उद्देश्य से आज सदर अस्पताल सभागार में एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण में जिले के सभी प्रखंडों और शहरी क्षेत्र में कार्यरत डाटा इंट्री ऑपरेटर और वेक्टर बॉर्न डिजिज सुपरवाइजर (VBDs) शामिल हुए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला वेक्टर बॉर्न डिजिज कंट्रोल ऑफिसर (DVBDCO) डॉ. दीनानाथ ने कहा कि इंट्रीग्रेटेड हेल्थ इन्फॉर्मेशन प्लेटफॉर्म (IHIP) पोर्टल पर मलेरिया और फाइलेरिया से संबंधित अद्यतन डाटा को गुणवत्तापूर्ण तरीके से दर्ज करना अत्यंत आवश्यक है। इससे मरीजों की वास्तविक स्थिति सामने आएगी और उन्हें बेहतर उपचार एवं स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी।
मलेरिया और फाइलेरिया डाटा एंट्री की प्रक्रिया
डॉ. दीनानाथ ने बताया कि मलेरिया डाटा इंट्री तीन प्रकार के केस के आधार पर की जानी है:
- एक्टिव केस
- पेसिव केस
- मास सर्वे केस
इसी तरह फाइलेरिया से संबंधित डाटा तीन बिंदुओं पर दर्ज करना है:
- नाइट ब्लड सर्वे के दौरान एमएफ पॉजिटिव केस
- एमडीए अभियान के दौरान कवरेज डाटा
- फाइलेरिया रोगियों की कुल संख्या
उन्होंने स्पष्ट किया कि सटीक डाटा इंट्री से स्वास्थ्य विभाग को सही दिशा में योजनाएं बनाने और मरीजों तक सेवाएं पहुँचाने में मदद मिलेगी।
प्रशिक्षण और मार्गदर्शन
प्रशिक्षण के दौरान वेक्टर डिजिज कंट्रोल ऑफिसर (VBDCO) आरती कुमारी ने डाटा इंट्री ऑपरेटरों और वीबीडीएस को तकनीकी जानकारी दी। वहीं, वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी रविकांत साह, कृति कुमारी, पिरामल स्वास्थ्य के पीएलसीडी विजय कुमार, और सीफार के सीनियर प्रोजेक्ट एसोसिएट जय प्रकाश कुमार भी उपस्थित रहे।
सभी प्रशिक्षकों ने प्रतिभागियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि जिले के हर प्रखंड और शहरी क्षेत्र में मलेरिया एवं फाइलेरिया से संबंधित अद्यतन जानकारी समय पर IHIP पोर्टल पर अपलोड की जाए।
मरीजों की सूची जल्द उपलब्ध कराने का निर्देश
वेक्टर डिजिज कंट्रोल ऑफिसर रविकांत साह ने कहा कि जिले में मौजूद फाइलेरिया मरीजों की अद्यतन सूची को जल्द से जल्द पोर्टल पर दर्ज किया जाए, ताकि विभागीय स्तर पर रोगियों को उपचार और स्वास्थ्य सुविधाएं तत्काल उपलब्ध कराई जा सके।