
भागलपुर: कहलगांव से भाजपा विधायक पवन कुमार यादव मुश्किलों में घिरते नज़र आ रहे हैं। करीब दो करोड़ रुपये की कथित ठगी और धोखाधड़ी के मामले में पटना हाईकोर्ट ने उन्हें नोटिस जारी किया है। यह मामला एक प्रोजेक्ट (कंस्ट्रक्शन कंपनी) से जुड़ा है, जिसके अधिकारियों द्वारा अदालत में याचिका दायर की गई थी।
मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पाया कि कहलगांव विधायक और उनके करीबी लोगों पर कंपनी से धोखाधड़ी करने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। याचिकाकर्ता ने अपने बयान में कहा है कि विधायक और उनके प्रतिनिधियों ने परियोजना से जुड़े ठेकेदार से अनुचित आर्थिक लाभ उठाया।
बताया जा रहा है कि यह मामला 2017 का है, जब मुंगेर जिले में एक प्रोजेक्ट के काम के दौरान आर्थिक लेन-देन में गड़बड़ी हुई थी। कंपनी के अधिकारियों ने कहा कि विधायक के दबाव में अनुबंधित राशि का बड़ा हिस्सा हड़प लिया गया। इस संबंध में पहले मुंगेर की निचली अदालत ने आदेश पारित किया था, लेकिन हाईकोर्ट ने फिलहाल उस आदेश पर रोक लगा दी है और पूरे मामले की सुनवाई शुरू कर दी है।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि विधायक पवन यादव समेत अन्य आरोपितों को इस मामले में जवाब देना होगा। याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज और साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने यह माना कि मामला गंभीर प्रकृति का है और विस्तृत जांच की आवश्यकता है।
इस बीच, विधायक पवन यादव ने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उनका कहना है कि यह राजनीतिक साजिश का हिस्सा है और वे अदालत में अपना पक्ष मजबूती से रखेंगे।
गौरतलब है कि चार सितंबर को पटना हाईकोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि अंतिम जांच रिपोर्ट आने तक सुनवाई जारी रहेगी। अब अगले चरण की सुनवाई में यह स्पष्ट होगा कि विधायक पर लगे आरोप कितने मजबूत हैं और अदालत आगे क्या रुख अपनाती है।
इस पूरे घटनाक्रम ने स्थानीय राजनीति में हलचल मचा दी है। विपक्षी दलों ने इसे भाजपा और उसके नेताओं की “दोहरी नीति” से जोड़ा है, वहीं समर्थक इसे पूरी तरह से राजनीतिक षड्यंत्र करार दे रहे हैं। फिलहाल, सभी की निगाहें आने वाली अदालत की तारीख पर टिकी हुई हैं।