
Bhagalpur News: मानवता, तकनीक और समर्पण का अद्भुत संगम देखने को मिला जब 83 वर्षीय वकील मंडल, जो दो महीने पहले कुंभ मेले की भीड़ में अपने परिवार से बिछड़ गए थे, हैम रेडियो क्लब की मदद से अपने बेटों से फिर से मिल गए।
वकील मंडल बिहार के भागलपुर जिले के कहलगांव थाना क्षेत्र के कुलकुलिया सैदपुरा के निवासी हैं। मार्च के अंतिम सप्ताह में वह गांव के अन्य लोगों के साथ कुंभ स्नान के लिए निकले थे। लेकिन भीड़-भाड़ और भगदड़ के बीच वे अपने साथियों से बिछड़ गए और गलती से हुगली (पश्चिम बंगाल) की ओर जाने वाली ट्रेन में चढ़ गए।
भटकते हुए पहुंचे श्रीरामपुर, हालत बेहद खराब
हुगली जिले के श्रीरामपुर क्षेत्र में सड़कों पर कई दिनों तक भटकने और भोजन के अभाव में वकील मंडल की हालत बेहद कमजोर हो गई थी। वे बोलने की स्थिति में भी नहीं थे। स्थानीय लोगों ने जब उन्हें लाचार हालत में देखा, तो श्रीरामपुर पुलिस स्टेशन को सूचना दी। पुलिस ने उन्हें श्रीरामपुर वाल्श अस्पताल में भर्ती कराया।
हैम रेडियो बना सहारा
लगभग दो महीने तक चले इलाज के बाद जब वकील मंडल कुछ बोलने और चलने-फिरने योग्य हुए, तब अस्पताल प्रशासन ने मदद के लिए पश्चिम बंगाल हैम रेडियो क्लब से संपर्क किया। क्लब के सचिव अंबरीश नाग विश्वास ने बताया:
“25 मार्च को वकील मंडल श्रीरामपुर पुलिस स्टेशन क्षेत्र में मिले थे। उनकी हालत बेहद नाजुक थी। ठीक होने के बाद हमने उनकी फोटो खींचकर देशभर के हैम रेडियो नेटवर्क में भेजी और पहचान की प्रक्रिया शुरू की।“
स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने निभाई अहम भूमिका
हैम रेडियो क्लब ने जब तस्वीर और विवरण भोलसर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि नीरज मंडल और पंचायत समिति सदस्य मनोज मंडल तक पहुंचाया, तो पहचान की पुष्टि हुई। फिर परिजनों से संपर्क कर उनके बेटे को कोलकाता बुलाया गया, और वकील मंडल को सौंप दिया गया।
परिवार के लिए चमत्कार से कम नहीं
वकील मंडल के पांच बेटे हैं — इंद्र ऋषि, कमलेश्वरी, प्रमोद, सुबोध और महेंद्र। कुंभ मेले से वापस लौटे साथियों ने घर आकर कह दिया था कि शायद वकील मंडल की मृत्यु हो चुकी है, जिससे परिवार ने भी मान लिया था कि वे अब नहीं रहे।
लेकिन दो महीने बाद जब खबर मिली कि वकील मंडल जीवित हैं और कोलकाता के एक अस्पताल में हैं, तो यह पूरे परिवार के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं था।