
भागलपुर: पीरपैंती थाना क्षेत्र के लकड़ाकोल गांव निवासी योगेश यादव की नाबालिग पुत्री के अपहरण का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। 1 जुलाई को अचानक लापता हुई किशोरी का पता एक महीने बाद चला, जब पिता को देवघर रिमांड होम से कॉल आया कि उनकी बेटी वहां है।
थाना में नहीं ली गई तत्काल शिकायत
योगेश यादव का आरोप है कि बेटी के लापता होने के बाद जब वे पीरपैंती थाना पहुंचे, तो पुलिस ने उन्हें 4-5 घंटे तक बैठाए रखा, लेकिन आवेदन स्वीकार नहीं किया। मजबूर होकर उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) से मिलकर न्याय की गुहार लगाई। SSP के निर्देश पर एफआईआर दर्ज की गई।
अपहरण और दुष्कर्म की आशंका
देवघर से सूचना मिलने पर योगेश और उनकी पत्नी आशा देवी तुरंत वहां पहुंचे। योगेश यादव ने आरोप लगाया कि गांव के पूर्व मुखिया राजेंद्र यादव ने उनकी बेटी का अपहरण किया और दुष्कर्म की आशंका भी जताई। उन्होंने यह भी बताया कि राजेंद्र यादव द्वारा पूर्व में की गई मारपीट की शिकायत भी थाने में दर्ज है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
मेडिकल जांच और न्याय की मांग
योगेश यादव ने रिमांड होम में ही स्पष्ट कर दिया कि जब तक बेटी का मेडिकल परीक्षण नहीं होता, वे उसे अपने साथ नहीं ले जाएंगे। मंगलवार को उन्होंने दोबारा SSP को आवेदन देकर मेडिकल जांच और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है।
आत्मदाह की चेतावनी
पिता योगेश यादव ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि उनकी बेटी को न्याय नहीं मिला, तो वे अपने पूरे परिवार के साथ मुख्यमंत्री के समक्ष आत्मदाह करने को मजबूर होंगे।