
नई दिल्ली – प्रौद्योगिकी के माध्यम से भारत में श्रमिकों को सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण क्रांति देखने को मिल रही है। सरकार की ई-गवर्नेंस आधारित योजनाएं अब न केवल रोजगार के अवसरों को बढ़ा रही हैं, बल्कि श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा का मजबूत कवच भी प्रदान कर रही हैं। विभिन्न डिजिटल पोर्टल्स के माध्यम से नीतियों के कार्यान्वयन में पारदर्शिता, दक्षता और नागरिक-केंद्रित दृष्टिकोण सुनिश्चित हो रहा है।
डिजिटल प्लेटफॉर्म बना रहे हैं श्रमिकों के लिए सशक्त भविष्य
सरकार द्वारा विकसित ई-पोर्टल्स जैसे कि राष्ट्रीय करियर सेवा (NCS), ई-श्रम, स्किल इंडिया डिजिटल हब, EPFO, ESIC, और MyScheme ने कामगारों को सुलभ, सुरक्षित और सुव्यवस्थित सेवाएं प्रदान करने में क्रांतिकारी बदलाव किया है। ये प्लेटफॉर्म अब “वन-स्टॉप सॉल्यूशन” की तरह काम करते हैं, जिससे:
- नौकरी खोजने में आसानी,
- कौशल विकास एवं प्रशिक्षण,
- मुआवज़ा और पेंशन योजनाएं,
- और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच अब कहीं अधिक सरल हो गई है।
विशेष रूप से Aadhaar से जुड़े इन प्लेटफॉर्म्स ने लाभार्थियों की पहचान सुनिश्चित कर डुप्लीकेसी और फर्जीवाड़े पर रोक लगाई है, जिससे योजनाओं का लाभ वास्तविक और ज़रूरतमंद लोगों तक पहुंच रहा है।
राष्ट्रीय करियर सेवा (NCS): युवाओं के लिए भविष्य का मंच
राष्ट्रीय करियर सेवा पोर्टल, जो कि श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा 2015 में शुरू किया गया था, अब तक 5.5 करोड़ से अधिक पंजीकृत कामगारों को सेवा दे चुका है। इस पोर्टल के माध्यम से:
- करियर काउंसलिंग, इंटरनशिप, अप्रेंटिसशिप,
- रोज़गार मेलों की जानकारी,
- और स्थान के अनुसार नौकरियों की खोज संभव हुई है।
अब तक 57,000+ रोजगार मेले आयोजित किए जा चुके हैं और यह पोर्टल देशभर के 30 राज्यों व निजी पोर्टलों से जुड़ चुका है।
ई-श्रम पोर्टल: असंगठित कामगारों के लिए सामाजिक सुरक्षा का कवच
2021 में आरंभ हुआ ई-श्रम पोर्टल अब तक 30 करोड़ 70 लाख से अधिक असंगठित श्रमिकों को जोड़ चुका है। यह पोर्टल 13 सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को एक मंच पर लाकर कामगारों के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराता है, जैसे:
- प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM)
- PM जन आरोग्य योजना
- MyScheme और दिशा योजना के साथ एकीकरण
- Bahashini Project के तहत 22 भाषाओं में जानकारी
अब श्रमिक एक बार पंजीकरण के बाद कई सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं।
EPFO और ESIC: संगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए डिजिटल सुधार
EPFO, जिसमें 34.6 करोड़ से अधिक सदस्य हैं, ने ई-पासबुक, उमंग ऐप, ऑटो-क्लेम सेटलमेंट, डिजीटल जीवन प्रमाण पत्र जैसे कई सुधार लागू किए हैं। इससे:
- 7.5 करोड़ से अधिक सदस्यों को तेज़ और पारदर्शी सेवा
- पेंशनभोगियों को देशभर से पेंशन सुविधा
- 1.25 करोड़ से अधिक सदस्यों को आसान फंड ट्रांसफर
वहीं, ESIC धन्वंतरि मॉड्यूल से अस्पतालों में मरीजों की बेहतर देखभाल सुनिश्चित हुई है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की बढ़ती मान्यता
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार:
- भारत का सामाजिक सुरक्षा कवरेज 2015 में 19% से बढ़कर 2025 में 64.3% हो गया है
- भारत 94.13 करोड़ लाभार्थियों के साथ दुनिया में दूसरे स्थान पर है
- भारत पहला देश बना जिसने राज्य योजनाओं को केंद्र योजनाओं के साथ जोड़कर डाटा साझा किया
निजी क्षेत्र की भागीदारी भी ज़रूरी
सरकारी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए उद्योगों और नियोक्ताओं की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने में प्लेटफॉर्म एग्रीगेटर्स की भूमिका विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।