
वैशाली: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज वैशाली में बने बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय एवं स्मृति स्तूप का भव्य उद्घाटन किया। इस ऐतिहासिक अवसर पर उन्होंने भगवान बुद्ध के पवित्र अस्थि अवशेष के अधिष्ठापन कार्यक्रम में भाग लिया और पूजा-अर्चना की।
कार्यक्रम में 15 देशों से आए बौद्ध भिक्षुओं और बौद्ध अनुयायियों की उपस्थिति रही। मंत्रोच्चारण के बीच भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को स्मृति स्तूप के प्रथम तल स्थित नवकक्ष में श्रद्धापूर्वक स्थापित किया गया।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान ‘मेकिंग ऑफ बुद्ध सम्यक संग्रहालय’ दीर्घा, पुस्तकालय, एमपी थिएटर, गेस्ट हाउस, और अन्य सांस्कृतिक संरचनाओं का उद्घाटन भी किया। उन्होंने परिसर में बोधगया के पवित्र बोधि वृक्ष के शिशु पौधे का रोपण कर शांति और समृद्धि की कामना की।
मुख्यमंत्री ने कहा:
“वैशाली की ऐतिहासिक भूमि पर निर्मित यह स्तूप न केवल बिहार की सांस्कृतिक धरोहर को समृद्ध करेगा, बल्कि वैश्विक बौद्ध पर्यटन को भी नया आयाम देगा। यह गर्व का क्षण है कि भगवान बुद्ध के प्रामाणिक अस्थि अवशेष अब उनके ही तपोभूमि वैशाली में अधिष्ठापित हुए हैं।”
मुख्यमंत्री ने बताया कि बुद्ध के जीवन से जुड़ी स्थलों को जोड़ते हुए बौद्ध सर्किट का निर्माण किया गया है जिसमें राजगीर, बोधगया, पटना, वैशाली, केसरिया, लौरिया नन्दनगढ़ और कुशीनगर शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह परिसर पर्यावरण के अनुकूल और सौर ऊर्जा से संचालित है।
निर्माण की विशेषताएं:
- 72 एकड़ क्षेत्र में फैला परिसर
- गुलाबी पत्थरों से निर्मित भव्य स्तूप
- 500 किलोवाट क्षमता का सोलर पैनल
- पुस्तकालय, संग्रहालय, कैफेटेरिया व एमपी थिएटर
- बेहतर पार्किंग और पर्यावरणीय सुविधाएं
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, मंत्री बिजेंद्र यादव, विजय चौधरी, जयंत राज, मोतीलाल प्रसाद सहित राज्य के कई वरिष्ठ अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।