
Patna News: बिहार सरकार के पथ निर्माण विभाग को बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक सफलता मिली है। भारत-नेपाल सीमा पर स्थित रक्सौल से पश्चिम बंगाल के हल्दिया पोर्ट तक 6-लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे निर्माण की मार्गरेखा को केंद्र सरकार से औपचारिक स्वीकृति प्राप्त हो गई है। यह परियोजना बिहार के 12 प्रमुख जिलों को जोड़ते हुए राज्य की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देगी।
परियोजना की प्रमुख विशेषताएँ:
- एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई: 585.350 किमी
- बिहार में लंबाई: लगभग 408 किमी
- प्रस्तावित लागत: ₹39,000 करोड़
- निर्माण होगा: 27 मेजर ब्रिज, 201 माइनर ब्रिज, 51 इंटरचेंज
- गंगा पर पुल: बेगूसराय के बिरपुर गाँव के पास लगभग 4.5 किमी लंबा पुल
ये 12 जिले होंगे शामिल:
रक्सौल, मोतिहारी, शिवहर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, लखीसराय, जमुई, बांका और मुंगेर
वरिष्ठ अधिकारियों की प्रतिक्रिया:
श्री मिहिर कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव, पथ निर्माण विभाग ने बताया:
“यह परियोजना राज्य की संरचनात्मक रीढ़ को मजबूती प्रदान करेगी। रक्सौल से हल्दिया तक की यात्रा अब 10 घंटे से भी कम समय में पूरी की जा सकेगी। एक्सप्रेसवे को 120 किमी/घंटा की गति के लिए डिज़ाइन किया गया है।”
उन्होंने यह भी बताया कि पुराने मार्गों पर बायपास बनाना संभव नहीं था, इसलिए ग्रीनफील्ड मार्ग के लिए नया प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेजा गया था, जिसे अब स्वीकृति मिल गई है।
राज्य सरकार का भविष्य दृष्टिकोण:
यह परियोजना बिहार सरकार की उस व्यापक योजना का हिस्सा है, जिसके अंतर्गत 2027 तक राज्य के किसी भी कोने से राजधानी पटना की दूरी अधिकतम 3 घंटे 30 मिनट में तय की जा सके। यह न केवल यातायात सुधार है, बल्कि बिहार को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय व्यापार से जोड़ने वाली क्रांतिकारी पहल है।
बिहार में प्रगति पर 5 प्रमुख एक्सप्रेसवे परियोजनाएँ:
- रक्सौल–हल्दिया (585 किमी)
- गोरखपुर–सिलीगुड़ी (417 किमी)
- पटना–पूर्णिया (250 किमी)
- बक्सर–भागलपुर (300 किमी)
- वाराणसी–कोलकाता (161 किमी)