
विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला 2025 की तैयारी को लेकर आज एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता बिहार सरकार के मुख्य सचिव श्री अमृत लाल मीणा ने की। बैठक में विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों से बारी-बारी से तैयारियों की जानकारी ली गई। इस मेला में लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं जो गंगा जल लेकर बाबा बैद्यनाथधाम (देवघर) और बाबा गरीबनाथ मंदिर (मुजफ्फरपुर) में जलाभिषेक करते हैं।
मुख्य सचिव ने सभी जिलों के अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा, ठहराव, जल उठाव, यातायात नियंत्रण और मूलभूत सुविधाओं में किसी प्रकार की कमी न हो। इस दौरान भागलपुर, बांका और मुंगेर जिलों से होकर जाने वाले कांवरियों की संख्या सबसे अधिक होती है।
भागलपुर जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने बताया कि जिले में सभी तैयारियां अंतिम चरण में हैं और 30 जून तक सभी कार्य पूर्ण कर लिए जाएंगे। सुलतानगंज के जहाज घाट और सीढ़ी घाट पर जल उठाव के लिए विशेष साफ-सफाई, बैरिकेडिंग, एसडीआरएफ तैनाती और सांस्कृतिक आयोजनों की व्यवस्था की गई है।
प्रमुख तैयारियां:
- घाटों पर बैरिकेटिंग, गोताखोरों की प्रतिनियुक्ति और 24×7 निगरानी
- आईपीआरडी द्वारा सरकारी योजनाओं और सुरक्षा दिशा-निर्देशों का प्रचार
- धांधी बेलारी और जहाज घाट पर प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम
- कच्ची कांवरिया पथ पर बालू बिछाने की व्यवस्था पूर्ण, गर्मी में हर 2 घंटे पर जल छिड़काव हेतु 25 टैंकर तैयार
- भीड़ नियंत्रण हेतु अतिरिक्त पुलिस बल की मांग, विशेषकर गुरुवार, रविवार और सोमवार को
दुर्घटना रोकथाम पर विशेष निर्देश:
एसएसपी श्री हृदय कांत ने आगाह किया कि पिछले वर्षों की तरह इस बार भी वाहन की छत पर कांवरियों के बैठने की घटनाएं दुर्घटना को न्योता दे सकती हैं। अतः गाड़ियों की ऊंचाई बढ़ने और बिजली तार से संपर्क के संभावित खतरे को रोकने के लिए मोटर व्हीकल अधिनियम की धारा 184 और 191 के तहत कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
मुख्य सचिव व डीजीपी ने सभी जिला परिवहन पदाधिकारियों को मोटर वाहन संगठनों के साथ बैठक कर नियमों का प्रचार-प्रसार करने का निर्देश दिया है।
संयुक्त निदेशक, जनसंपर्क, भागलपुर द्वारा दी गई इस प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, सभी तैयारियों को सुनिश्चित कर एक सुरक्षित, सुव्यवस्थित और भक्तिमय श्रावणी मेला का आयोजन किया जाएगा।