
सुल्तानगंज (भागलपुर): असाढ़ मास के अंतिम दिन गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर सुल्तानगंज स्थित अजगैबीनाथ धाम में लाखों कांवरियों ने उत्तरवाहिनी गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। गंगा स्नान के उपरांत श्रद्धालु बाबा भोलेनाथ के शिवलिंग पर जलाभिषेक कर “बोल बम”, “हर हर महादेव” के जयघोषों के साथ 105 किलोमीटर लंबी पदयात्रा पर देवघर स्थित बाबा बैधनाथ धाम के लिए रवाना हो गए।
गुरु पूर्णिमा पर बढ़ी कांवरियों की भीड़
हिंदू धर्म में गुरु को भगवान का दर्जा प्राप्त है, और यह पर्व विशेष रूप से भगवान शिव की कृपा पाने का सुअवसर माना जाता है। मान्यता है कि उत्तरवाहिनी गंगा से जल लेकर श्रावण मास में बाबा बैधनाथ को चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यही कारण है कि बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा सहित देशभर से कांवरिए यहां पहुंचते हैं।
इस बार कोलकाता से आए कांवरियों ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर विशेष आकर्षण के रूप में भगवान गणेश के विशाल कांवर के साथ यात्रा प्रारंभ की। उन्होंने बताया कि वे हर वर्ष गुरु पूर्णिमा पर अजगैबीनाथ धाम से जल लेकर देवघर जाते हैं और इस बार विशेष रूप से भगवान भोलेनाथ के पुत्र गणेश को समर्पित कांवर के साथ यात्रा कर रहे हैं।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
श्रावणी मेले की भीड़ और श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए पुलिस प्रशासन द्वारा व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए गए थे। जगह-जगह पर सुरक्षा बलों की तैनाती, कंट्रोल रूम की स्थापना, चिकित्सा शिविर, पेयजल व विश्राम स्थलों की व्यवस्था सुनिश्चित की गई।
स्थानीय पुजारियों की मान्यता
स्थानीय पुजारी पंडित संजीव झा ने बताया कि गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिन गुरु के रूप में शिव की पूजा कर मनोकामनाओं की पूर्ति की जाती है। अजगैबीनाथ धाम से जल लेकर देवघर तक की यात्रा श्रद्धालुओं के लिए मोक्षदायी मानी जाती है।
श्रावण माह की शुरुआत कल से
गौरतलब है कि श्रावण माह की शुरुआत 11 जुलाई से हो रही है, और इसी के साथ श्रावणी मेले का भी औपचारिक शुभारंभ होगा। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी कल नमामि गंगे घाट से मेले का उद्घाटन करेंगे। इस दौरान देश-विदेश से लाखों कांवरिया सुल्तानगंज पहुंचकर बाबा को जल चढ़ाने देवघर के लिए यात्रा पर निकलेंगे।