
Bhagalpur News: भागलपुर जिले में आज बट सावित्री व्रत के पावन अवसर पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में सुहागिन महिलाओं ने परंपरागत परिधान में सज-धजकर बटवृक्ष (बरगद के पेड़) के नीचे पूजा-अर्चना की और अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना की।
सोलह श्रृंगार में लिपटीं महिलाएं, डलिया में फल और पकवान
पूरे जिले में आज एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक माहौल बना रहा। महिलाएं लाल रंग की साड़ियों, सोलह श्रृंगार और हाथों में पूजा की डलिया, बांस का पंखा, फल, मिठाई और पकवान लेकर सुबह से ही बटवृक्ष के पास पहुंच गईं। उन्होंने बरगद के पेड़ की परिक्रमा कर व्रत की विधिपूर्वक पूजन की।
व्रती महिलाओं की आस्था और श्रद्धा ने रचा भक्ति का दृश्य
महिलाओं ने बताया कि वे हर साल यह व्रत करती हैं। “जैसे सावित्री ने अपने तप और भक्ति से यमराज से अपने पति सत्यवान का जीवन वापस लिया, उसी तरह हम भी अपने पतियों की रक्षा और दीर्घायु की प्रार्थना करती हैं।”
यह पर्व भारतीय संस्कृति में नारी शक्ति के प्रेम, समर्पण और त्याग का प्रतीक माना जाता है। यह सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि संस्कार और भावनाओं की परंपरा है जो पीढ़ियों से निभाई जा रही है।
शहर से लेकर गांव तक दिखा उत्सव का उल्लास
भागलपुर के कृष्णानंद स्टेडियम, मिरजान हाट, बरारी, सुल्तानगंज और नवगछिया समेत कई क्षेत्रों में व्रती महिलाओं की भारी भीड़ देखी गई। मंदिरों और वटवृक्षों के पास मेले जैसा माहौल रहा। कई जगह कथावाचकों द्वारा सावित्री-सत्यवान की कथा सुनाई गई।