
भागलपुर: मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया में अनियमितता और पक्षपात के आरोप लगाते हुए महागठबंधन द्वारा आहूत बिहार बंद का व्यापक असर बुधवार को भागलपुर शहर में देखने को मिला। सुबह से ही महागठबंधन के विभिन्न घटक दलों के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए और सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों ने शहर के मुख्य चौराहों – स्टेशन चौक, खलीफाबाग चौक, तिलकामांझी और बरारी में टायर जलाकर आवागमन पूरी तरह से बाधित कर दिया। सड़क जाम की वजह से शहर के कई हिस्सों में लंबा जाम लग गया और आम लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
शहर ठप, जनजीवन प्रभावित
बंद के चलते स्कूल, कॉलेज और व्यापारिक प्रतिष्ठान भी बंद रहे। बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा और सार्वजनिक परिवहन भी प्रभावित हुआ। कई परीक्षाएं और शैक्षणिक गतिविधियाँ स्थगित कर दी गईं।
प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं का आरोप था कि मतदाता सूची पुनरीक्षण के नाम पर सरकार कुछ विशेष वर्गों को लाभ पहुंचाने की कोशिश कर रही है और विपक्ष समर्थित मतदाताओं को जानबूझकर सूची से बाहर किया जा रहा है। उन्होंने पुनरीक्षण प्रक्रिया की न्यायिक जांच कराने की मांग की।
प्रशासन सतर्क, पुलिस बल तैनात
हालात को नियंत्रित रखने के लिए प्रशासन द्वारा अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया। कई जगहों पर पुलिस ने मार्च निकाला और उपद्रवियों को हटाने की कोशिश की। हालांकि अब तक किसी बड़ी झड़प या हिंसा की सूचना नहीं है।
निष्कर्ष:
महागठबंधन के बिहार बंद का भागलपुर में व्यापक असर पड़ा है। यह विरोध न केवल प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है, बल्कि आगामी चुनावों से पहले मतदाता सूची की विश्वसनीयता पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। प्रशासन और निर्वाचन आयोग को इस मुद्दे पर पारदर्शिता बरतते हुए संतुलित कदम उठाने की आवश्यकता है।