
बिहार सरकार द्वारा महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल के तहत शुरू किया गया “महिला संवाद कार्यक्रम” आज भागलपुर जिले में सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। इस संवाद कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को सरकारी योजनाओं की जानकारी देना और राज्य की नीति निर्धारण प्रक्रिया में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना था।
1815 ग्राम संगठनों में हुआ संवाद, करीब 4 लाख महिलाओं ने लिया हिस्सा
जिला परियोजना प्रबंधक सुनिर्मल गरेन ने जानकारी दी कि जिले के 1820 निर्धारित ग्राम संगठनों में से 1815 ग्राम संगठनों में संवाद कार्यक्रम का आयोजन पूर्ण हो चुका है। बीते दो महीनों में प्रतिदिन औसतन 30 ग्राम संगठनों में महिला संवाद का आयोजन किया गया।
इस दौरान 3 लाख 97 हजार से अधिक महिलाओं ने सक्रिय भागीदारी निभाई, जो अपने आप में एक कीर्तिमान है।
महिलाओं ने योजनाओं को सराहा, आत्मनिर्भरता की कहानियाँ साझा कीं
कार्यक्रम के दौरान अनेक महिलाओं ने बताया कि कैसे सरकार की योजनाओं के चलते उनके जीवन में परिवर्तन आया है:
- सपना देवी (हरियो पंचायत, बिहपुर प्रखंड) ने बताया कि वह पहले एक सामान्य गृहिणी थीं, लेकिन सरकारी योजना से लाभ लेकर अब वह सफल उद्यमी बन चुकी हैं।
- संजू देवी (सबौर प्रखंड) ने ‘दीदी की रसोई’ जैसी पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे गांव की कई महिलाओं को स्थायी रोजगार मिला है।
- सविता देवी (कहलगांव प्रखंड) ने सरकार के उस निर्णय की सराहना की, जिसमें स्वच्छता कार्यों की जिम्मेदारी जीविका समूहों को दी गई है, जिससे महिलाओं को सम्मानजनक कार्य और नियमित आय का अवसर मिला है।
नीतीश सरकार की योजनाओं को मिला ग्रामीण महिलाओं का विश्वास
संवाद में महिलाओं ने स्पष्ट कहा कि नीतीश सरकार की योजनाएं जैसे जीविका, कौशल विकास, स्वास्थ्य सेवाएं, स्वयं सहायता समूहों को ऋण, और महिला उद्यमिता कार्यक्रम उनके जीवन में सशक्तिकरण का आधार बन चुके हैं।
सुझावों में दिखा सुधार का दृष्टिकोण
महिलाओं ने संवाद में भाग लेकर केवल उपलब्धियों की बात नहीं की, बल्कि कई रचनात्मक सुझाव भी दिए, जैसे:
- ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार
- बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और खेल की सुविधा
- किसानों के लिए स्थानीय स्तर पर अनाज भंडारण गोदाम
- महिला उत्पादों के लिए स्थायी बाज़ार व्यवस्था
- स्वयं सहायता समूहों को सस्ते दर पर ऋण उपलब्ध कराना
मोबाइल एप में दर्ज हुईं 35 हजार आकांक्षाएं
कार्यक्रम के दौरान महिलाओं की 35,000 से अधिक व्यक्तिगत आकांक्षाएं सरकार द्वारा विकसित मोबाइल एप के माध्यम से दर्ज की गई हैं, जो आगे चलकर नीति निर्धारण में सहायक सिद्ध होंगी।