
पटना: मिथिला क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक दिन। राज्य मंत्रिमंडल ने पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के विस्तारीकरण, पुनर्स्थापन और आधुनिकीकरण की महत्वाकांक्षी योजना को मंजूरी दे दी है। ₹8678.29 करोड़ की इस परियोजना से मधुबनी, दरभंगा और समस्तीपुर जिलों में खेती-किसानी का परिदृश्य पूरी तरह बदलने की उम्मीद है।
राज्यसभा सांसद और पूर्व जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने इस परियोजना को स्वीकृति मिलने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि यह योजना मिथिला के किसानों के लिए वरदान साबित होगी और यहां की खेती को पंजाब-हरियाणा जैसी उन्नत बनाएगी।
मुख्य विशेषताएं:
- 741 किलोमीटर नहरों की पक्कीकरण (लाइनिंग)
- 2.91 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में सिंचाई सुविधा
- 338 किलोमीटर सड़क निर्माण से ग्रामीण आवागमन में सुधार
- 990 नई संरचनाएं और 763 पुरानी संरचनाओं की मरम्मत
- 260 नए पुलों का निर्माण, 407 की मरम्मत
- रेगुलेटर्स, ड्रेनेज स्ट्रक्चर, फॉल्स और प्रोटेक्शन वर्क शामिल
संजय झा ने बताया कि यह परियोजना वर्षों से लंबित थी और कई नहरें मृतप्राय हो चुकी थीं। उनके जल संसाधन मंत्री कार्यकाल के दौरान इस परियोजना को पुनर्जीवित करने की पहल की गई थी, जिसका पहला चरण 2020 में ₹735 करोड़ की लागत से शुरू हुआ था।
इस योजना के अंतर्गत दरभंगा जिले के 16 और मधुबनी जिले के 20 प्रखंडों के लगभग 24 लाख लोग लाभान्वित होंगे। इससे रबी और खरीफ दोनों मौसमों में जल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी और बाढ़ प्रबंधन भी सशक्त होगा।
संजय झा ने यह भी बताया कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मधुबनी दौरे के दौरान इस परियोजना की विस्तृत जानकारी दी गई थी, और बाद में उन्होंने बजट में मिथिला के विकास से जुड़ी कई बड़ी घोषणाएं की थीं।
इस महत्वाकांक्षी परियोजना को राज्य में कृषि क्रांति की दिशा में मील का पत्थर माना जा रहा है, जो आने वाले वर्षों में मिथिला को हरित और समृद्ध बनाएगी।