
पटना: बिहार सरकार के पर्यटन विभाग और भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) ने 19 सितंबर 2025 को गुजरात के भावनगर में एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किया है। इस समझौते का उद्देश्य पटना में पर्यटन अनुकूल शहरी जल परिवहन प्रणाली विकसित करना है, जिससे नागरिकों और पर्यटकों को सुरक्षित, आधुनिक और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन सुविधा मिल सके।
908 करोड़ रुपए की लागत वाली इस परियोजना के तहत अत्याधुनिक हाइब्रिड इलेक्ट्रिक कैटामरान जलयान ‘MV निशादराज’ जैसे पोत संचालित किए जाएंगे। यह जलयान बैटरी और हाइब्रिड मोड दोनों पर चलने में सक्षम होगा। इसकी क्षमता लगभग 100 यात्रियों की है, जिनमें दिव्यांगजन के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है। पूरी तरह वातानुकूलित यह वाटर मेट्रो यात्रा को आरामदायक और प्रदूषण रहित बनाएगी।
समझौते पर IWAI के चेयरमैन सुनील कुमार सिंह और बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक नंद किशोर ने हस्ताक्षर किए। समारोह में केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल और मनसुख मांडवीय की उपस्थिति रही। पर्यटन मंत्री राजू कुमार सिंह ने कहा कि यह परियोजना पटना में पर्यटन को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगी और शहरी परिवहन क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगी।
पर्यटन सचिव लोकेश कुमार सिंह ने जानकारी दी कि वाटर मेट्रो का संचालन दीघा घाट से कंगन घाट तक किया जाएगा। इस रूट में दीघा पर्यटन घाट, NIT घाट और गायघाट को जोड़ा जाएगा। निकट भविष्य में पटना से इस सेवा का ट्रायल शुरू होगा। इसके अलावा दस और स्थानों को जोड़ने की योजना है, जिससे न केवल यात्रा समय और प्रदूषण में कमी आएगी बल्कि पर्यटन और स्थानीय विकास को भी नई गति मिलेगी।
पटना देश के उन 18 शहरों में शामिल है जहाँ स्मार्ट, सुरक्षित और टिकाऊ शहरी जल परिवहन प्रणाली विकसित की जा रही है। यह पहल गंगा के किनारे बसे पटना शहर को पर्यटन और आधुनिक परिवहन के क्षेत्र में नई पहचान दिलाने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी।