
भागलपुर: नगर विधायक अजीत शर्मा ने मंगलवार को अपने आवास पर आयोजित प्रेस वार्ता में बिहार सरकार और भारत सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि “वोट चोरी” का खेल खेला जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि बिहार से बाहर रोज़गार के लिए गए प्रवासी मजदूरों के नाम जानबूझकर मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं।
अजीत शर्मा ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा कि केवल प्रवासियों ही नहीं, बल्कि कई जीवित मतदाताओं के नाम भी सूची से गायब कर दिए गए हैं। उनके अनुसार, यह कार्रवाई लोकतंत्र पर सीधा हमला है और मताधिकार छीनने की सुनियोजित साज़िश का हिस्सा है।
प्रेस वार्ता में मौजूद एआईसीसी पर्यवेक्षक अजीत भारती और कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा। उन्होंने आरोप लगाया कि यह योजनाबद्ध कदम है, जिससे लाखों मतदाताओं को चुनाव में अपनी भागीदारी से वंचित किया जा सके। नेताओं का कहना था कि यह संविधान और लोकतंत्र की आत्मा पर चोट है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
कांग्रेस नेताओं ने चुनाव आयोग से इस मामले की तत्काल जांच की मांग की है। साथ ही, उन्होंने आग्रह किया कि जिन मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं, उन्हें जल्द से जल्द वापस जोड़ा जाए, ताकि कोई भी नागरिक अपने संवैधानिक अधिकार से वंचित न रहे।
विधायक अजीत शर्मा ने कहा कि अगर सरकारें निष्पक्ष हैं, तो उन्हें इस मामले में पारदर्शी जांच का आदेश देना चाहिए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस मुद्दे पर ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो कांग्रेस सड़क से सदन तक आंदोलन करेगी।