
सुल्तानगंज/भागलपुर: सावन के पावन महीने में श्रद्धा, सेवा और समाज कल्याण की अद्भुत मिसाल पेश कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के मुगलसराय से आए दो शिवभक्त – अजय गुप्ता और कुंदन साहनी। इन दोनों युवाओं ने भागलपुर जिले के सुल्तानगंज स्थित पवित्र उत्तरवाहिनी गंगा घाट से 100 किलो गंगाजल लेकर नंगे पांव बाबा बैद्यनाथ धाम, देवघर की कठिन कांवड़ यात्रा आरंभ की है।
हर साल की तरह इस बार भी सावन में सुल्तानगंज का अजगैबीनाथ धाम शिवभक्तों से गुलजार है। देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु यहां आकर गंगा स्नान कर, पवित्र जल लेकर बाबा बैद्यनाथ को अर्पण करने देवघर की ओर निकलते हैं। लेकिन अजय और कुंदन की यह यात्रा सिर्फ आस्था नहीं, एक विशेष सामाजिक उद्देश्य के लिए भी है।
मिशन: सेवा और सम्मान
दोनों श्रद्धालुओं ने बताया कि वे इस यात्रा के माध्यम से दो मुख्य संकल्पों की पूर्ति की कामना कर रहे हैं:
- गौ माता को “राष्ट्रीय माता” का दर्जा दिलवाना
- गरीब, असहाय और लाचार लोगों के लिए एक सेवा आश्रम की स्थापना करना
इस विशेष भावना के साथ, उन्होंने 100 किलो गंगाजल की कांवड़ उठाई है और नंगे पांव 105 किलोमीटर की कठिन यात्रा पर निकल पड़े हैं।
मानव धर्म की प्रेरणा
अजय और कुंदन ने यात्रा के दौरान आम लोगों से भावुक अपील की –
“अपने माता-पिता की सेवा करें, उन्हें सम्मान दें। यही सच्ची भक्ति है और यही मानव धर्म है।”
इनकी यह सोच सावन के इस पवित्र अवसर पर आस्था के साथ-साथ समाज सेवा और मानवता की सशक्त प्रेरणा देती है।
श्रद्धा और समर्पण का संगम
श्रावण मास में इस तरह की भावनात्मक और सामाजिक पहल भक्तों की भक्ति को और भी प्रेरणादायक बनाती है। शिवभक्ति का यह रूप दर्शाता है कि धार्मिक आस्था के साथ जब सेवा और समर्पण जुड़ता है, तो वह समाज में सकारात्मक बदलाव की दिशा में एक बड़ा कदम बन जाता है।