
भागलपुर जिले का सुलतानगंज कस्बा अब सिर्फ आस्था और तीर्थ यात्रा का केंद्र नहीं रहा, बल्कि यहां की बदलती जीवनशैली और आधुनिक खानपान संस्कृति भी चर्चा में आ गई है। कस्बे के युवाओं के बीच इन दिनों ‘रोल कल्चर’ एक नया ट्रेंड बनकर उभरा है, जो झटपट, स्वादिष्ट और सुविधाजनक फूड विकल्प के तौर पर लोकप्रिय हो रहा है।
बदलते स्वाद की नई दिशा: ‘Roll Club’ का आगमन
सुलतानगंज में पुराने सविता टॉकीज और मौजूदा पैरामाउंट स्कूल के पास खुले ‘Roll Club’ नामक स्ट्रीट फूड आउटलेट ने कस्बे की खानपान की तस्वीर बदल दी है। यह सुलतानगंज का पहला आउटलेट है जो विविध फ्लेवर में वेज और नॉन-वेज रोल परोस रहा है।
‘Roll Club’ अब सिर्फ खाने की जगह नहीं बल्कि युवाओं के लिए एक नया मिलन स्थल (हैंगआउट स्पेस) बन गया है, जहां दोस्त मिलते हैं, बातें होती हैं, और स्वाद का आनंद लिया जाता है।
स्थानीय स्वाद, महानगरीय स्टाइल
दुकान के संचालक संजय कुमार झा बताते हैं कि:
“यह किसी मेट्रो सिटी की नकल नहीं, बल्कि स्थानीय स्वाद और पसंद को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया फूड कॉन्सेप्ट है। यहाँ का रोल बेस मैदे से नहीं, बल्कि आटे और कई स्थानीय सामग्रियों से बना खास लच्छा पराठा होता है।”
यह पहल सुलतानगंज जैसे कस्बे में फूड कल्चर का एक नया अध्याय है, जो आधुनिकता और परंपरा का संतुलन साधते हुए विकसित हो रहा है।
लाइफस्टाइल का हिस्सा बनता फास्ट फूड
आज के व्यस्त दिनचर्या वाले जीवन में फास्ट फूड सिर्फ स्वाद नहीं, बल्कि सुविधा और समय की बचत का जरिया भी बन चुका है। स्थानीय निवासी और स्कूल टीचर नीलम कुमारी बताती हैं:
“काम के बाद खाना बनाने का समय नहीं होता। ऐसे में कुछ हल्का, स्वादिष्ट और झटपट मिल जाए, तो बहुत राहत मिलती है।”
सामाजिक बदलाव की ओर संकेत
अंकित राज, जो सुलतानगंज के एक कॉलेज में स्नातक छात्र हैं, कहते हैं:
“पहले अच्छा खाने के लिए भागलपुर जाना पड़ता था। अब अपने कस्बे में भी वो स्वाद और माहौल मिल रहा है।”