
भागलपुर: गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ने से भागलपुर में बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो गई है। इस बार पानी का स्तर पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है, जिससे तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय का पूरा परिसर जलमग्न हो गया है। निचले तल पर पानी भरने के कारण सभी जरूरी फाइलें और दस्तावेज ऊपर के तल में शिफ्ट कर दिए गए हैं। कर्मचारी और प्रोफेसर अब नाव के सहारे कार्यालयों तक पहुंच रहे हैं।
जलभराव के बीच सांप-बिच्छुओं का खतरा मंडरा रहा है, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने कामकाज पूरी तरह जारी रखने का निर्णय लिया है। इसी बीच, राष्ट्रपति का कार्यक्रम विश्वविद्यालय में प्रस्तावित है, जिससे तैयारियों की चुनौती और बढ़ गई है। प्रतिमा स्थल के पास का क्षेत्र भी जलमग्न है, लेकिन एनटीपीसी से रेत मंगवाकर डालने और टाइल्स का कार्य जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
कुलपति प्रो. जवाहरलाल ने कहा, “हम प्रकृति से मुकाबला नहीं कर सकते, लेकिन हर संभव व्यवस्था कर रहे हैं। 15 अगस्त और राष्ट्रपति के आगमन जैसे महत्वपूर्ण अवसर पर विश्वविद्यालय का काम पहले की तरह चलता रहेगा, चाहे नाव से कार्यालय जाना पड़े।”
बाढ़ के मद्देनज़र प्रशासन ने नाविक, बिजली मिस्त्री और चिकित्सक को 24 घंटे तैयार रहने का निर्देश दिया है। पानी भरे क्षेत्रों से कर्मचारियों को सुरक्षित निकालने का कार्य जारी है।