
भागलपुर: गंगा के बढ़ते जलस्तर ने भागलपुर स्थित तिलकामांझी विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) को चारों ओर से पानी से घेर लिया है। बाढ़ का पानी लगातार विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश कर रहा है, जिससे यहां पढ़ाई और प्रशासनिक कार्य बुरी तरह प्रभावित हो गए हैं।
विश्वविद्यालय के मुख्य प्रवेश द्वार से लेकर विभागीय भवनों तक चारों ओर पानी ही पानी है। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि आवागमन का एकमात्र साधन अब नाव बन गया है। शिक्षक, कर्मचारी और छात्र जरूरी कार्यों के लिए पानी के तेज बहाव के बीच जोखिम उठाकर नाव से आ-जा रहे हैं। कई कर्मचारी रोज़ कागजात, फाइलें और जरूरी सामान नाव के सहारे विभागों तक पहुंचा रहे हैं।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, विश्वविद्यालय के आसपास की सड़कों पर कमर-भर पानी भर चुका है। प्रशासनिक कार्यों से लेकर पुस्तकालय तक पहुंचना भी अब चुनौती बन गया है। बाढ़ के कारण परिसर में स्वास्थ्य संबंधी खतरे भी बढ़ गए हैं, क्योंकि मच्छरों और गंदे पानी से संक्रमण का डर बना हुआ है।
छात्रों का कहना है कि परीक्षा और कक्षाओं के शेड्यूल पर भी इसका असर पड़ रहा है। कई महत्वपूर्ण दस्तावेज सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन पानी के लगातार बढ़ते स्तर ने विश्वविद्यालय को मानो एक टापू में बदल दिया है।
स्थानीय प्रशासन ने नावों की व्यवस्था की है, लेकिन उनकी संख्या सीमित है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपील की है कि गैर-जरूरी यात्राएं फिलहाल टाल दी जाएं और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए।
बाढ़ की यह स्थिति न केवल शिक्षा व्यवस्था में बाधा डाल रही है, बल्कि विश्वविद्यालय से जुड़े हजारों लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी को भी प्रभावित कर रही है।