
भागलपुर, 14 सितंबर: आयुक्त कार्यालय, भागलपुर प्रमंडल के सभागार में हिंदी दिवस का आयोजन बड़े ही उत्साह और गरिमा के साथ किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता भागलपुर प्रमंडल के आयुक्त हिमांशु कुमार राय ने की। इस अवसर पर आयुक्त ने हिंदी भाषा के इतिहास, महत्व और वर्तमान समय में इसकी भूमिका पर विस्तृत विचार रखे।
आयुक्त श्री राय ने कहा कि कोई भी भाषा ध्वनि का स्वरूप होती है, जिसे हम बोलकर या लिखकर प्रकट करते हैं। हिंदी का उद्भव सदियों पहले विभिन्न भाषाओं और बोलियों के मेल से हुआ। सल्तनत और मुगल काल में सेना मुख्यालयों में विभिन्न क्षेत्रों से आए लोगों की बोलियों के मिश्रण से हिंदवी का विकास हुआ, जिसे आगे चलकर हिंदी और उर्दू के नाम से जाना गया। उन्होंने बताया कि हिंदी आज न केवल भारत में बल्कि अफगानिस्तान और ईरान तक समझी जाती है। हिंदी फिल्मों और साहित्य ने इसके प्रसार में विशेष योगदान दिया है।
उन्होंने कहा कि 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया और तब से यह दिन हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज के डिजिटल युग में हिंदी को सशक्त बनाने की आवश्यकता है। हिंदी का विकास तभी संभव है जब सभी लोग अपनी बोलियों के साथ हिंदी का प्रयोग अधिक से अधिक करें। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यदि हिंदी हमारी मां है तो अंग्रेजी हमारी मौसी है, और दोनों भाषाओं को सम्मान देना आवश्यक है।
कार्यक्रम में क्षेत्रीय विकास पदाधिकारी श्री अनिल कुमार राय ने भी संबोधित किया। उन्होंने हिंदी दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिंदी दिलों को जोड़ने वाली भाषा है। उन्होंने कहा कि विज्ञान, चिकित्सा और अभियांत्रिकी जैसे विषयों की पुस्तकें हिंदी में लिखी जानी चाहिए ताकि हिंदी भाषा और अधिक सशक्त बने।
अवर सचिव रघुवीर मंडल ने हिंदी के महत्व पर विचार रखते हुए इसे राष्ट्र की एकता और संस्कृति की धरोहर बताया। वहीं संयुक्त निदेशक जनसंपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता ने हिंदी साहित्य और भाषा के विकास की ऐतिहासिक यात्रा पर विस्तार से चर्चा की।
इस अवसर पर आयुक्त के सचिव विनोद कुमार सिंह सहित आयुक्त कार्यालय के सभी अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन जनसंपर्क विभाग द्वारा किया गया।