
भागलपुर: गंगा के बढ़ते जलस्तर ने इस समय पूरे भागलपुर जिले में भयावह बाढ़ की स्थिति पैदा कर दी है। कई मोहल्ले और गांव पानी से पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं। घरों के भीतर तक पानी घुस जाने से लोग सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हैं। इस बीच बाढ़ का पानी अब एक नए खतरे को भी अपने साथ लेकर आया है — जलजीवों की बढ़ती मौजूदगी।
ताज़ा घटना में, एक मगरमच्छ ने तीन लोगों पर हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया। घायलों को तत्काल इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका उपचार जारी है। चश्मदीदों के अनुसार यह घटना उस समय हुई जब लोग बाढ़ के पानी से होकर अपने घर लौट रहे थे। अचानक पानी में छिपा मगरमच्छ सामने आया और हमला कर दिया।
यह अकेला मामला नहीं है। एक दिन पहले भी जिले के अलग-अलग बाढ़ग्रस्त इलाकों में मगरमच्छ के हमले की कई घटनाएं सामने आईं, जिनमें पांच लोग घायल हुए थे। पीड़ितों का कहना है कि बाढ़ के पानी में इन खतरनाक जलजीवों की मौजूदगी से अब बाहर निकलना बेहद खतरनाक हो गया है।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि कई दिनों से मगरमच्छ और अन्य जलजीवों की मौजूदगी की शिकायतें मिल रही हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। ग्रामीणों की मांग है कि प्रशासन तत्काल विशेष टीम तैनात करे, ताकि जलजीवों को पकड़कर सुरक्षित स्थानों पर छोड़ा जा सके और लोगों की जान खतरे से बचाई जा सके।
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बाढ़ के समय नदी से सटे इलाकों में जलजीवों का घुसना स्वाभाविक है, क्योंकि उनका प्राकृतिक आवास भी पानी में डूब जाता है। हालांकि, उन्होंने आश्वासन दिया कि विशेष टीमों को सक्रिय किया जा रहा है और बाढ़ग्रस्त इलाकों में निगरानी बढ़ाई जाएगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि बाढ़ के दौरान मगरमच्छ, सांप, कछुए और अन्य जलजीव सुरक्षित स्थान की तलाश में आबादी वाले इलाकों में पहुंच जाते हैं। ऐसे में लोगों को बेहद सतर्क रहना चाहिए और अकेले पानी में उतरने से बचना चाहिए।
फिलहाल, भागलपुर के बाढ़ पीड़ित लोग दोहरी मार झेल रहे हैं — एक तरफ बढ़ते जलस्तर का खतरा और दूसरी ओर जलजीवों का आतंक। प्रशासन के लिए भी यह स्थिति चुनौतीपूर्ण हो चुकी है।