
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य की आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं के मानदेय में बढ़ोतरी की घोषणा की है। यह निर्णय बच्चों और गर्भवती महिलाओं के पोषण एवं जीवन स्तर में सुधार में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका को देखते हुए लिया गया है।
अब आंगनबाड़ी सेविका का मानदेय 7,000 रुपये से बढ़ाकर 9,000 रुपये कर दिया गया है। वहीं, आंगनबाड़ी सहायिका का मानदेय 4,000 रुपये से बढ़ाकर 4,500 रुपये किया गया है। मुख्यमंत्री ने विभाग को निर्देश दिया है कि यह निर्णय तुरंत लागू किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नवंबर 2005 में सरकार बनने के बाद से ही राज्य सरकार ने गर्भवती महिलाओं और बच्चों के पोषण एवं स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है। इसी कड़ी में समेकित बाल विकास योजना के तहत 6 प्रकार की सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। इन सेवाओं को आम जनता तक पहुंचाने में आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही है।
उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पोषण और स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाई जा रही हैं। सेविकाएं और सहायिकाएं गर्भवती महिलाओं, बच्चों और परिवारों को जागरूक करने से लेकर पोषण संबंधी सेवाओं की सुनिश्चितता में लगातार सक्रिय रहती हैं। ऐसे में उनके परिश्रम और योगदान का सम्मान करते हुए मानदेय में वृद्धि की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस निर्णय से न केवल सेविकाओं और सहायिकाओं का मनोबल बढ़ेगा बल्कि वे और अधिक जिम्मेदारी के साथ काम करेंगी। इससे समेकित बाल विकास सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा और गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों को बेहतर लाभ मिलेगा।
सरकार का मानना है कि इस बढ़ोतरी से आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं का आर्थिक बोझ हल्का होगा और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। यह कदम न केवल कार्यकर्ताओं के सम्मान को बढ़ाता है बल्कि राज्य में पोषण और स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती की दिशा में भी बड़ा कदम है।