
पटना। बिहार के युवाओं के लिए एक नई उम्मीद की किरण जगाते हुए मुख्यमंत्री ने शनिवार को राज्य सरकार की विभिन्न महत्वाकांक्षी योजनाओं का ब्योरा पेश किया और कहा कि “बिहार अब ठहरने नहीं, तरक़्क़ी करने के रास्ते पर है।” उन्होंने शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार को राज्य के विकास का मजबूत आधार बताते हुए कहा कि अब तक लाखों युवाओं को नौकरी और रोजगार से जोड़ा जा चुका है तथा 25 लाख छात्र–छात्राओं को छात्रवृत्ति वितरित की गई है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने हाल ही में बिहार में 19 नए केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना को मंजूरी दी है, जिससे राज्य के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के अवसर मिलेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि बिहार को शिक्षा और युवा सशक्तिकरण के क्षेत्र में अभूतपूर्व सहयोग मिल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2015 से “सात निश्चय योजना” के तहत युवाओं को छात्र क्रेडिट कार्ड, स्वयं सहायता भत्ता और कौशल विकास जैसी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। वहीं “सात निश्चय–2” के तहत वर्ष 2020 से 10 लाख नौकरियां और 10 लाख रोजगार सृजन का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें अब तक 50 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार और नौकरी का अवसर प्रदान किया जा चुका है। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले पांच वर्षों में एक करोड़ युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।
कार्यक्रम के दौरान शिक्षा के क्षेत्र में बिहार की प्रगति पर एक विशेष फिल्म भी प्रदर्शित की गई। छात्र क्रेडिट कार्ड और स्वयं सहायता भत्ता योजना के लाभार्थियों ने मंच साझा कर अपने अनुभव सुनाए। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं से आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को उच्च शिक्षा का मार्ग सुगम हुआ है।
कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री, मंत्रीगण और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने अंत में कहा—“बिहार के युवा हमारे भविष्य हैं। सरकार का लक्ष्य है कि हर योग्य युवा को शिक्षा, कौशल और रोजगार का अवसर मिले। यही विकसित बिहार की दिशा में हमारा सबसे बड़ा कदम है।”