
श्रावणी मेला 2025: विश्वप्रसिद्ध श्रावणी मेला की शुरुआत में अब केवल 29 दिन शेष रह गए हैं और इसी को लेकर सुल्तानगंज स्थित अजगैविनाथ धाम में प्रशासनिक तैयारियों ने रफ्तार पकड़ ली है। देश-विदेश से हर वर्ष लाखों श्रद्धालु यहाँ जलाभिषेक हेतु पहुंचते हैं, जिससे यह मेला धार्मिक आस्था के साथ-साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था का भी बड़ा केंद्र बन चुका है।
प्रशासन द्वारा मुख्य मार्ग, स्वास्थ्य व्यवस्था, पेयजल, ट्रैफिक नियंत्रण व अन्य व्यवस्थाओं की समीक्षा की जा रही है। वहीं, स्थानीय दुकानदार भी कांवर, पूजा-सामग्री, वस्त्र, डिब्बे, श्रृंगार व प्रसाद की दुकानों को सजाने और तैयार करने में जुट गए हैं।
गंगा घाट की जर्जर स्थिति बनी चिंता का विषय
श्रावणी मेले का सबसे अहम पड़ाव अजगैविनाथ गंगा घाट है, जहां से कांवरिया पवित्र जल भरते हैं। लेकिन वर्तमान में घाट की स्थिति काफी जर्जर व खतरनाक बनी हुई है। पानी में तेज बहाव और घाट की फिसलन भरी सीढ़ियाँ कांवरियों के लिए जोखिमपूर्ण हो सकती हैं। यदि घाट को जल्द दुरुस्त नहीं किया गया, तो श्रद्धालुओं की आस्था पर कुठाराघात होने के साथ ही गंभीर दुर्घटनाओं की आशंका भी बनी रहेगी।
व्यापारिक दृष्टिकोण से भी है महत्वपूर्ण
श्रावणी मेले के दौरान भागलपुर और सुल्तानगंज क्षेत्र में करोड़ों रुपये का कारोबार होता है। कांवरियों की भारी भीड़ से न केवल स्थानीय दुकानदारों को आर्थिक लाभ होता है, बल्कि अस्थायी रोजगार के अवसर भी सृजित होते हैं। अनुमान है कि इस वर्ष मेले में लाखों कांवरियों के आगमन से कारोबार को नया आयाम मिलेगा।
प्रशासन से मांग
स्थानीय नागरिकों व दुकानदारों ने मांग की है कि अजगैविनाथ घाट की मरम्मत जल्द से जल्द पूरी की जाए। साथ ही घाट पर सफाई, सुरक्षा, प्रकाश व्यवस्था और मेडिकल टीम की तैनाती की भी आवश्यकता है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।