
भागलपुर: तिलका माँझी भागलपुर विश्वविद्यालय (TMBU) ने शनिवार को अपना 66वाँ स्थापना दिवस भव्य और गरिमामय समारोह के साथ मनाया। विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित इस उत्सवमयी आयोजन में कुलपति प्रो. (डॉ.) रामश्री पुर्वे, छात्र-कल्याण अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) विजय कुमार सहित विभिन्न विभागों के शिक्षक, कर्मचारी, छात्र-छात्राएँ और अतिथि बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत तिलका माँझी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुई, जिसके बाद कुलगीत का वाचन किया गया, जिसमें विश्वविद्यालय की गौरवशाली परंपरा, शिक्षा के प्रति समर्पण और सांस्कृतिक चेतना का भावपूर्ण उल्लेख किया गया। दीप प्रज्वलन और ध्वजारोहण के साथ विश्वविद्यालय के 66 वर्षों की शैक्षणिक और सांस्कृतिक यात्रा को नमन किया गया।
मुख्य अतिथि प्रो. (डॉ.) विजय कुमार ने अपने संबोधन में विश्वविद्यालय की पहचान को “केवल एक शैक्षणिक संस्थान नहीं, बल्कि विचार, सामाजिक चेतना और क्रांति की परंपरा का वाहक” बताया। उन्होंने कहा कि TMBU ने बिहार के शैक्षिक परिदृश्य में विशेष स्थान अर्जित किया है और आने वाले समय में यह छात्रों के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा।
कुलपति डॉ. रामश्री पुर्वे ने अपने उद्बोधन में विश्वविद्यालय की शैक्षणिक उपलब्धियों, शोध कार्यों और भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने पूर्व छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों से विश्वविद्यालय की गरिमा बनाए रखने का आह्वान किया।
कार्यक्रम का विशेष आकर्षण सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ रहीं, जिसमें छात्रों ने लोकगीत, पारंपरिक नृत्य और नाटक के माध्यम से बिहार की सांस्कृतिक विरासत को जीवंत कर दिया। पूरे आयोजन का संचालन अत्यंत व्यवस्थित ढंग से किया गया और अंत में धन्यवाद ज्ञापन के साथ समारोह का समापन हुआ।
1960 में स्थापित यह विश्वविद्यालय आज बिहार के प्रमुख उच्च शिक्षण संस्थानों में शुमार है। शिक्षा, शोध और सामाजिक सरोकारों में इसके योगदान को वक्ताओं ने अनुकरणीय और प्रेरणादायक बताया। विश्वविद्यालय परिवार की सक्रिय सहभागिता और उत्साह ने इस ऐतिहासिक दिन को एक स्मरणीय उत्सव में बदल दिया।