
चंपानगर, भागलपुर: इस वर्ष श्रावण कृष्ण पंचमी की तिथि 15 जुलाई को है, जिसे चंपा क्षेत्र में “बेड़ा पांच” के नाम से विशेष रूप से जाना जाता है। इस बार यह पर्व और भी खास होने जा रहा है क्योंकि बेड़ा पांच और गंध धूप—दोनों पर्व एक ही दिन पड़ रहे हैं। यह दुर्लभ संयोग श्रद्धालुओं और मंदिर प्रशासन के लिए अत्यंत शुभ माना जा रहा है।
बेड़ा पांच के दिन चंपा स्थित मुख्य मनसा देवी मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाएगा। गंध धूप के अवसर पर मंदिर में पिंडी कलश रहित पूजा की परंपरा है। इस दिन कुम्हार के घर जाकर बारी कलश की पूजा की जाती है और फिर पांचों देवी एवं विशेष रूप से नेतुला धोबिन की आराधना होती है। इस पूजा में धोबी समाज की आस्था विशेष रूप से जुड़ी होती है।
पूरे चंपानगर क्षेत्र में इस दिन देवी गीत गाए जाते हैं और मनसा महात्म्य का पाठ होता है। समाज के लोग अपने द्वार पर गाय के गोबर से नाग की आकृति बनाकर धूप, दीप, सिंदूर आदि अर्पित करते हैं। खासकर नेतुला पूजा में डलिया में पान, फूल, मेवा, फल सजाकर देवी को अर्पित किए जाते हैं।
इस दिन बिहुला-लखिन्दर कथा का भी विशेष महत्व होता है, जिसमें नेतुला की देवी मनसा की पूजा में बिहुला के सहयोग के प्रसंग का श्रवण किया जाएगा। पूजा का संचालन मुख्य पंडा संतोष झा और अजीत झा के नेतृत्व में होगा, साथ ही आलोक कुमार, हेमन्त कुमार, चंद्रशेखर, गौरी शंकर और विनय लाल आदि आयोजन में सक्रिय भूमिका निभाएंगे।
इस सांस्कृतिक और धार्मिक उत्सव में श्रद्धालु बड़ी संख्या में सम्मिलित होकर आस्था की डुबकी लगाएंगे।