
आरा/बिहार: नवादा थाना क्षेत्र के गोढना रोड मोहल्ले से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है जिसने पूरे शहर को स्तब्ध कर दिया है। समाहरणालय में होमगार्ड के पद पर कार्यरत चांदनी कुमारी के 15 वर्षीय बेटे मोहित राज ने घर की छत पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह घटना न सिर्फ एक मां की ममता को झकझोर देने वाली है, बल्कि समाज को भी सोचने पर मजबूर करती है।
परिजनों ने जब तक मोहित को फंदे पर लटका देखा, तब तक काफी देर हो चुकी थी। आनन-फानन में उसे सदर अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टर रवि रंजन ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मोहित, संतोष कुमार शर्मा और चांदनी कुमारी का इकलौता पुत्र था। जानकारी के अनुसार, आत्महत्या से ठीक पहले मोहित ने किसी व्यक्ति को फोन किया था। इसके बाद वह छत पर गया और खुदकुशी कर ली। अब यह कॉल किसे किया गया और उस बातचीत में क्या हुआ—यह जांच का विषय है।
लेकिन जो दृश्य लोगों को सबसे ज्यादा झकझोर गया, वह था मां चांदनी का अपने बेटे को मुंह से ऑक्सीजन देने की कोशिश करना। वह लगातार अपने मृत बेटे को झकझोरती रहीं, पुकारती रहीं —
“बेटा, उठ जा… देख, मां आई है… सांस ले ले…”
पर बेटे की सांसें थम चुकी थीं।
मां का विश्वास अभी भी टूटा नहीं था। उन्होंने अपने बेटे के शव के पास मां भगवती से रो-रोकर गुहार लगाई—
“मां, तू सबकी सुनती है… आज मेरे बेटे को लौटा दे…”
यह उम्मीद लिए उन्होंने CPR तक देने की कोशिश की, लेकिन नियति ने उनके सारे प्रयास विफल कर दिए।
इस दर्दनाक घटना से मोहल्ले में मातमी सन्नाटा पसर गया है। हर कोई यही पूछ रहा है कि आखिर 15 साल के उस मासूम बच्चे के जीवन में ऐसा क्या दर्द था जिसने उसे यह आत्मघाती कदम उठाने पर मजबूर कर दिया?
पुलिस अब मामले की गहन जांच में जुटी है। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है और मोहल्ले में हर कोई गमगीन है।