
भागलपुर, 17 सितंबर: भागलपुर साइबर थाना ने घंटाघर चौक के पास स्थित चंद्रलोक कॉम्प्लेक्स में संचालित एक साइबर कैफे में नकली शैक्षणिक प्रमाणपत्र बनाकर बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस को 16 सितंबर को सूचना मिली कि उस कैफे में कंप्यूटर के माध्यम से जाली प्रमाणपत्र तैयार किए जा रहे हैं। त्वरित जांच और छापेमारी में कुल छह लोगों को गिरफ्तार कर कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण व जाली दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
पुलिस के मुताबिक सूचना के बाद एक वरिष्ठ अधिकारी ने सादे कपड़ों में भेजे गए एंट्री पर कैमरा सहित छानबीन की व्यवस्था की। जांच के दौरान कैफे संचालक ने आम ग्राहक बनकर आए अधिकारी को तुरंत जालि प्रमाणपत्र तैयार कर दिए और इसके एवज में 500 रुपये शुल्क लिया। इस पर विशेष टीमें गठित कर वीडियो ग्राफी सहित तलाशी अभियान चलाया गया।
तलाशी के दौरान पुलिस ने विभिन्न विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों के 29 नकली प्रमाणपत्र, 15 विश्वविद्यालय मोहर, 6 CPU, 3 लैपटॉप, 7 मॉनिटर तथा नकद राशि ₹40,700 बरामद की। बरामद सामग्री से स्पष्ट हुआ कि यह गिरोह बड़े पैमाने पर जालसाज़ी कर रहा था और कई अभ्यर्थियों को गलत दस्तावेज दे चुका था। घटना के संबंध में साइबर थाना में कांड संख्या 80/25 दर्ज की गई है।
पुलिस ने बताया कि छापेमारी और गिरफ्तारी विशेष छापेमारी दल के निर्देशन में नगर पुलिस अधीक्षक व पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में की गई। कार्रवाई में साइबर थाना के पदाधिकारियों व सशस्त्र बल की टीम शामिल थी। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने गैरकानूनी दस्तावेज बनाने की भूमिका स्वीकार की है, जबकि मामले की आगे की जांच जारी है।
पुलिस उपाधीक्षक (साइबर) ने कहा, “हम शैक्षणिक मानकों और प्रमाणिकता से समझौता करने वाले किसी भी गिरोह को बर्दाश्त नहीं करेंगे। फर्जी दस्तावेज बनवाने व उपयोग करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने जनता से अपील की है कि वे किसी भी तरह के संदिग्ध सौदे या नकली दस्तावेज बनाने वालों की जानकारी तुरंत साइबर थाना को दें।
इस कार्रवाई में गिरफ्तार लोगों के नाम और अन्य विवरण प्राथमिकी में दर्ज हैं और आगे की कानूनी प्रक्रिया के अनुसार पेश किए जा रहे हैं। पुलिस ने बताया कि बरामद प्रमाण-पत्रों की जांच संबंधित विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों से कराई जा रही है ताकि यह पता चल सके कि कितने अभ्यर्थियों को जालसाजी के जरिए लाभ पहुंचाया गया।