
New Delhi: वर्ष 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की कमान संभाली, तब देश एक ऐसे मोड़ पर खड़ा था जहाँ आकांक्षाएं तो थीं, लेकिन दिशा स्पष्ट नहीं थी। बीते 11 वर्षों में मोदी सरकार के नेतृत्व में भारत ने विकास, आत्मनिर्भरता और वैश्विक प्रतिष्ठा की नई ऊंचाइयों को छुआ है। आज ‘न्यू इंडिया’ केवल एक नारा नहीं, बल्कि एक सशक्त और व्यवहारिक वास्तविकता बन चुका है।
गरीबी उन्मूलन से शुरू हुई बदलाव की कहानी
भारत की विकास यात्रा की शुरुआत समाज के सबसे कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने से हुई। प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, उज्ज्वला योजना, हर घर जल, और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं ने करोड़ों परिवारों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराकर जीवन की गुणवत्ता में ऐतिहासिक सुधार किया।
जन धन योजना से पहली बार देश के करोड़ों गरीब बैंकिंग से जुड़े, जिससे आर्थिक समावेशन को मजबूती मिली।
बुनियादी ढांचे में ऐतिहासिक विस्तार
गांव-गांव में सड़कों, बिजली और इंटरनेट की पहुंच सुनिश्चित की गई। स्मार्ट सिटी मिशन, मेट्रो परियोजनाएं, भारत माला, सागर माला और उड़ान योजना जैसे मेगा प्रोजेक्ट्स ने शहरों से लेकर दूर-दराज़ के इलाकों तक संपर्क और जीवन स्तर में क्रांतिकारी बदलाव लाया।
डिजिटल इंडिया: तकनीक के दम पर बदलाव
UPI, आधार, मोबाइल, और जनधन की त्रिमूर्ति ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर को आसान और पारदर्शी बना दिया। भारत अब दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल लेन-देन करने वाला देश बन चुका है।
महिला सशक्तिकरण में ऐतिहासिक पहल
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, सुकन्या समृद्धि योजना, एनडीए में महिला भर्ती, और मातृत्व अवकाश में वृद्धि जैसी पहलों ने महिलाओं को आत्मनिर्भर और निर्णायक भूमिका में लाकर खड़ा किया है।
कृषि और किसान कल्याण को मिली प्राथमिकता
पीएम किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना, ई-नाम, माइक्रो सिंचाई, और ड्रोन तकनीक के माध्यम से किसान को आत्मनिर्भर बनाया गया है। खेती को केवल आजीविका नहीं, बल्कि आय का मजबूत साधन बनाया गया है।
शिक्षा और कौशल विकास में नवाचार
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, मातृभाषा में शिक्षा, स्वयम, दीक्षा, और पीएम ई-विद्या जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने शिक्षा को अधिक समावेशी और सुलभ बनाया। स्किल इंडिया अभियान ने युवाओं को रोजगारपरक प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर किया।
स्वास्थ्य क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की छाप
कोविड-19 के दौरान स्वदेशी वैक्सीन निर्माण और कोविन पोर्टल का सफल संचालन भारत की वैज्ञानिक क्षमता का प्रतीक बना। फिट इंडिया, योग दिवस, और आयुष मंत्रालय ने भारतीय जीवनशैली को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठा दिलाई।
उद्योग, स्टार्टअप और आत्मनिर्भर भारत की उड़ान
मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, और पीएलआई स्कीम जैसे अभियानों ने भारत को दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बना दिया है। रक्षा, इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोटिव जैसे क्षेत्रों में अब भारत आत्मनिर्भरता की राह पर है।
रक्षा, सुरक्षा और सीमाओं पर शक्ति का प्रदर्शन
वन रैंक, वन पेंशन, ब्रह्मोस, अग्नि मिसाइल, विक्रांत का निर्माण, और सीमा इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी उपलब्धियों ने भारत की रक्षा नीति को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाया।
धार्मिक और सांस्कृतिक पुनर्जागरण
अयोध्या राम मंदिर, काशी विश्वनाथ धाम, महाकाल लोक, और केदारनाथ पुनर्निर्माण जैसे प्रकल्पों ने सांस्कृतिक गौरव को फिर से जागृत किया है। योग दिवस को वैश्विक मान्यता दिलाकर भारत ने अपनी विचारधारा का प्रसार किया।
पर्यावरण और स्वच्छता के प्रति प्रतिबद्धता
स्वच्छ भारत मिशन और नेट जीरो 2070 के लक्ष्य के तहत भारत ने सौर ऊर्जा, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और हरित ऊर्जा में अग्रणी भूमिका निभाई है।
विदेश नीति में भारत का वैश्विक नेतृत्व
G20 की अध्यक्षता, वैक्सीन मैत्री, अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन, और वॉइस ऑफ़ ग्लोबल साउथ जैसे अभियानों ने भारत को वैश्विक दक्षिण का नेता बना दिया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी अब और मजबूत हो चुकी है।
राजनीतिक इच्छाशक्ति: बदलाव का सबसे बड़ा आधार
धारा 370 हटाना, तीन तलाक पर रोक, और GST जैसी व्यापक कर सुधार ने साबित किया है कि मोदी सरकार के पास निर्णय लेने की न केवल इच्छाशक्ति है, बल्कि उन्हें लागू करने की दक्षता भी है।