
Gopalganj News: गोपालगंज से एक शोकपूर्ण समाचार: बहुआयामी व्यक्तित्व और सामाजिक चेतना के प्रतीक विपिन बिहारी श्रीवास्तव का शनिवार और रविवार की मध्यरात्रि (29 जून की रात 1 बजे) निधन हो गया। वे वरिष्ठ अधिवक्ता, रंगकर्मी, लेखक और स्वतंत्र फिल्म निर्देशक थे। वे वेब जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (WJAI) के राष्ट्रीय महासचिव अमित रंजन के पिता थे।
कला, संस्कृति और न्याय के समर्पित साधक
विपिन बिहारी श्रीवास्तव ने अपने जीवन में न्याय और रचनात्मकता दोनों के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया। एक तरफ वे न्यायिक क्षेत्र में निर्भीक और ईमानदार अधिवक्ता के रूप में जाने जाते थे, वहीं दूसरी ओर रंगमंच और सिनेमा के माध्यम से उन्होंने समाज को आईना दिखाने का कार्य किया।
उनके निर्देशन में नाटकों ने सामाजिक यथार्थ को बख़ूबी दर्शाया। सीमित संसाधनों में भी उन्होंने जनसरोकार से जुड़े विषयों पर सशक्त प्रस्तुति दी और युवा कलाकारों को लगातार मंच उपलब्ध कराया।
न्याय के प्रति समर्पण
कानूनी क्षेत्र में श्रीवास्तव की पहचान एक निष्पक्ष, अध्ययनशील और सत्यनिष्ठ अधिवक्ता के रूप में रही। उन्होंने कई महत्वपूर्ण मुकदमों की पैरवी की और न्याय की स्थापना को हमेशा सर्वोपरि रखा।
अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब
उनके निधन की खबर से गोपालगंज सहित पूरे बिहार के साहित्यिक, सांस्कृतिक, और न्यायिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई। उनके आवास पर वरिष्ठ अधिवक्ताओं, पत्रकारों, बुद्धिजीवियों, कलाकारों, राजनेताओं और शुभचिंतकों का तांता लगा रहा।
मुखाग्नि उनके ज्येष्ठ पुत्र अमित रंजन ने दी। इस दौरान उनके अनुज पूर्व अपर सचिव आनंद बिहारी प्रसाद, पुत्रगण अंचल अप्रतिम, प्रशांत चेतन, क्षितिज समीर, पौत्रगण कौस्तुभ निहाल, संभव, मोहित, स्नेह, अंशुमन समेत भाजपा नेताओं, अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों और अनेक नागरिकों की उपस्थिति रही।
WJAI ने जताया शोक
WJAI (वेब जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया) ने गहरा शोक प्रकट करते हुए कहा कि स्व. श्रीवास्तव न केवल एक संवेदनशील अभिभावक थे, बल्कि समाज के लिए मार्गदर्शक भी रहे।
राष्ट्रीय अध्यक्ष आनंद कौशल, उपाध्यक्ष डॉ. माधो सिंह, महासचिव अमिताभ ओझा, सचिव मधुप मणि “पिक्कू”, प्रवक्ता मुरली मनोहर श्रीवास्तव समेत संगठन के तमाम पदाधिकारियों ने शोक संवेदना व्यक्त की।
परिवार की अपील
परिवार ने सभी शुभचिंतकों से अपील की है कि वे स्वर्गीय विपिन बिहारी श्रीवास्तव के विचारों, मूल्यों और रचनात्मक कार्यों को आगे बढ़ाएं, यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।