
पटना, 23 सितम्बर।बिहार की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने और गांवों को शहरों से बेहतर ढंग से जोड़ने के लिए नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक) के सहयोग से चल रही ग्रामीण सड़क और पुल निर्माण योजना ने राज्य में विकास की नई राह खोल दी है। इस योजना के तहत अब तक 2025 ग्रामीण सड़कों और 1236 पुलों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इनमें से 75 प्रतिशत से अधिक निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, जबकि शेष कार्य अंतिम चरण में है।
ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त कुल 2025 सड़कों में से 1863 सड़कों का निर्माण पूरा हो चुका है। इनकी कुल लंबाई 5254.49 किलोमीटर है, जिसमें अब तक 4825 किलोमीटर से अधिक सड़कों पर काम संपन्न हो गया है। वहीं, 1236 पुलों के लक्ष्य में से 917 पुल बनकर तैयार हो चुके हैं और शेष 319 का निर्माण तेजी से जारी है। इस योजना पर राज्य सरकार 5989.85 करोड़ रुपये खर्च कर रही है।
नालंदा जिला इस योजना में सबसे आगे रहा है। यहां 214 सड़कों की स्वीकृति मिली थी, जिनमें से 199 सड़कों का निर्माण पूरा हो चुका है। जिले में 370 किलोमीटर से अधिक लंबी सड़कों के साथ 59 पुल बनकर तैयार हो चुके हैं। गयाजी में भी निर्माण कार्य तेजी से हुआ है, जहां 129 में से 120 सड़कों और 46 पुलों का निर्माण पूरा कर लिया गया है।
राजधानी पटना जिले में भी उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है। यहां 167 ग्रामीण सड़कों में से 157 का निर्माण पूरा हो चुका है। 329 किलोमीटर से अधिक सड़कों पर यातायात शुरू हो गया है। पटना के 54 स्वीकृत पुलों में से 46 तैयार हो चुके हैं।
इसके अलावा औरंगाबाद, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, मुंगेर, रोहतास, जहानाबाद, सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर सहित कई जिलों में भी ग्रामीण सड़कों और पुलों का निर्माण कार्य लगभग पूर्णता की ओर है। इन परियोजनाओं ने न सिर्फ ग्रामीण इलाकों को शहरों से जोड़ा है बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोजगार को भी नई गति दी है।
सरकार का मानना है कि इन सड़कों और पुलों से ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक बदलाव आएगा और किसानों व ग्रामीण जनता को बाजारों तक बेहतर पहुंच मिलेगी। यह परियोजना गांव से पलायन की समस्या को भी कम करने में सहायक होगी।