
गया/पटना: बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। गया जिले के अतरी विधानसभा क्षेत्र में आयोजित राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की एक सभा के दौरान एक बार फिर विवादित नारा “भूरा बाल साफ करो” गूंजने से सियासी भूचाल आ गया है। इस सभा में आरजेडी विधायक रंजीत यादव स्वयं मौजूद थे। मंच से एक वक्ता ने यह नारा दोहराया और RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का हवाला देते हुए कहा, “लालू यादव ने कहा था, भूरा बाल साफ करो। अब वही समय फिर से आ गया है।” इसके बाद सभा में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी।
इस बयान का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे राज्य की सियासत में हलचल मच गई है। 2025 विधानसभा चुनाव से पहले इस नारे का दोबारा उछालना विपक्षी दलों को हमला करने का नया मौका दे रहा है।
क्या है “भूरा बाल साफ करो” नारा?
यह नारा 1990 के दशक में लालू यादव के सामाजिक न्याय के आंदोलन का हिस्सा बना था। इसका अर्थ था—
- भ से भूमिहार
- रा से राजपूत
- बा से ब्राह्मण
- ल से लाला (कायस्थ)
इसका उद्देश्य कथित तौर पर सत्ता और प्रशासन से सवर्ण जातियों के प्रभुत्व को खत्म करना था। उस समय इसे पिछड़ों और दलितों के सशक्तिकरण की आवाज माना गया, लेकिन समय के साथ यह नारा जातीय ध्रुवीकरण और विद्वेष का प्रतीक बन गया।
विपक्ष का तीखा हमला
बीजेपी और जेडीयू सहित विपक्षी दलों ने इस बयान की कड़ी आलोचना की है। नेताओं का कहना है कि इस तरह के नारों से समाज में नफरत फैलती है और यह राजनीति को पीछे ले जाने का प्रयास है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, “राजद फिर से वही जातीय राजनीति पर उतर आया है, जिससे बिहार को बहुत नुकसान हुआ है।”
RJD की सफाई
हालांकि अब तक RJD की ओर से इस नारे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार पार्टी इस मामले को संभालने की कोशिश में जुटी है, ताकि यह चुनावी नुकसान में न बदल जाए।