
भागलपुर: भागलपुर के नेशनल कॉलेज में कार्यरत अतिथि व्याख्याता कुन्दन कुमार दुबे ने विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा वाणिज्य विषय के 112 पदों की भर्ती में दिव्यांग अभ्यर्थियों के साथ हुई अनदेखी पर गंभीर आपत्ति जताई है। इस संबंध में उन्होंने भागलपुर नगर विधायक अजीत शर्मा को ज्ञापन सौंपकर न्याय की गुहार लगाई है।
कुन्दन कुमार दुबे, जो पिछले सात वर्षों से तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के अधीन भागलपुर नेशनल कॉलेज में अतिथि व्याख्याता के रूप में कार्यरत हैं, 90 प्रतिशत शारीरिक विकलांगता से पीड़ित हैं। उन्होंने B.Com, M.Com, NET एवं Ph.D की उपाधि प्राप्त की है। बावजूद इसके, आयोग द्वारा निकाली गई रिक्तियों में दिव्यांग कोटे की तीन सीटें दृष्टिबाधित वर्ग को आवंटित कर दी गईं, जिससे गंभीर शारीरिक विकलांग अभ्यर्थियों के साथ अन्याय हुआ है।
श्री दुबे ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि वे स्वतंत्रता सेनानी के नाती हैं और वर्षों से शैक्षणिक क्षेत्र में सेवा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा दिव्यांग अभ्यर्थियों में श्रेणीवार संतुलन बनाए बिना सीटों का आवंटन करना न केवल नियमों के विपरीत है, बल्कि विकलांग वर्ग के हक की अनदेखी भी है।
उन्होंने विधायक अजीत शर्मा से आग्रह किया है कि इस मामले में हस्तक्षेप कर दिव्यांग अभ्यर्थियों को न्याय दिलाने का प्रयास करें। उनका कहना है कि यदि आयोग सही वर्गीकरण करता तो उन्हें भी वाणिज्य विषय में अवसर मिलता।
कुन्दन कुमार दुबे का यह कदम दिव्यांग अभ्यर्थियों की समस्याओं को उजागर करता है और यह मुद्दा अब भागलपुर के शैक्षणिक एवं राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है।