
नवगछिया रंगरा प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय कोशकीपुर में शिक्षा व्यवस्था और मध्यान्ह भोजन योजना की स्थिति को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। रंगरा BPRO की ओर से की गई औचक जांच में विद्यालय संचालन में गंभीर लापरवाही, योजनाओं में अनियमितता और अमानवीय व्यवहार उजागर हुआ है।
प्रधानाध्यापक के खिलाफ आरोप साबित
जांच टीम ने पाया कि विद्यालय का संचालन प्रधानाध्यापक द्वारा मनमाने तरीके से किया जा रहा है। शिक्षा प्रबंधन समिति (SMC) द्वारा पूर्व में लगाए गए आरोपों की पुष्टि भी इस जांच में हो गई है। विद्यालय में अनुशासनहीनता और प्रशासनिक लचरता साफ नजर आई।
मध्यान्ह भोजन योजना में गंभीर अनियमितता
BPRO की टीम ने बताया कि मध्यान्ह भोजन योजना में भारी गड़बड़ी है। बच्चों को संतुलित आहार नहीं दिया जा रहा – हर दिन केवल चावल और आलू परोसे जा रहे हैं, जो योजना के मानकों का उल्लंघन है। भोजन की गुणवत्ता भी जांच में बेहद खराब पाई गई।
महादलित बच्चों से कराया जा रहा सफाई कार्य
जांच में सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि स्कूल में साफ-सफाई जैसे कार्य महादलित समुदाय के बच्चों से करवाए जा रहे हैं। यह न केवल अमानवीय है, बल्कि संविधान और सामाजिक न्याय के मूल्यों का घोर उल्लंघन है। इस पर BPRO ने तत्काल संज्ञान लेने की बात कही है।
निष्क्रिय शिक्षा प्रबंधन समिति और योजनाओं का दुरुपयोग
विद्यालय में शिक्षा प्रबंधन समिति की बैठकें महीनों से नहीं हुईं। सरकारी योजनाओं का लाभ बच्चों तक न पहुंचकर शिक्षकों और प्रधानाध्यापक के बीच बंदरबांट हो रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि सरकार द्वारा भेजी गई शिक्षण सामग्री, पोषण योजनाएं और अनुदान का सही उपयोग नहीं हो रहा।
जनता ने उठाई कार्रवाई की मांग
कोशकीपुर के ग्रामीणों ने इस मामले को लेकर जिलाधिकारी और जिला शिक्षा पदाधिकारी से उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि दोषियों पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए ताकि बच्चों को उनका शिक्षा और पोषण का अधिकार सही मायनों में मिल सके।