
भागलपुर, 10 अक्टूबर: विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर रूरल फ्यूचर फाउंडेशन (RFF) ने बिहार के भागलपुर जिले के एकचारी स्थित एक ग्रामीण विद्यालय में एक प्रेरणादायक और सहभागी मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता सत्र का आयोजन किया। इस सत्र का उद्देश्य बच्चों में मानसिक स्वास्थ्य, भावनात्मक जागरूकता और आत्म-अभिव्यक्ति के महत्व को समझाना था।
सत्र की शुरुआत में बच्चों के बीच हल्की झिझक थी — कई छात्र “मानसिक स्वास्थ्य” शब्द का अर्थ ही समझने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन जैसे-जैसे बातचीत आगे बढ़ी, माहौल खुलता गया। विद्यार्थी अपने अनुभव, विचार और भावनाएँ साझा करने लगे। एक छात्रा ने बड़ी मासूमियत से कहा, “सर, कभी-कभी मुझे उदासी महसूस होती है, पर कारण नहीं पता होता।” इस वाक्य ने यह याद दिलाया कि ऐसे संवाद क्यों आवश्यक हैं — क्योंकि मानसिक स्वास्थ्य की बात अक्सर अनकही रह जाती है।
सत्र के दौरान विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों को बताया कि मानसिक स्वास्थ्य भी शारीरिक स्वास्थ्य जितना ही जरूरी है, और अपनी भावनाओं को व्यक्त करना या सहायता मांगना कोई कमजोरी नहीं, बल्कि साहस का प्रतीक है। संवादात्मक चर्चाओं, कहानी-प्रसंगों और गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को यह समझाया गया कि दूसरों की बातें सुनना, सहानुभूति रखना और अपनी भावनाओं को साझा करना जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
रूरल फ्यूचर फाउंडेशन ने विद्यालय प्रशासन, शिक्षकों और विद्यार्थियों के सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया और कहा कि इस तरह के प्रयास ग्रामीण क्षेत्रों में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने की दिशा में अहम भूमिका निभाएंगे।