
पटना, 23 सितंबर।बिहार में दस्तावेज निबंधन और राजस्व संग्रह के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि दर्ज की गई है। अप्रैल 2025 से 17 सितंबर तक के केवल पांच महीनों में पूरे राज्य में कुल 7 करोड़ 57 लाख से अधिक दस्तावेजों का निबंधन किया गया, जिससे राज्य सरकार को 3,418 करोड़ 52 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। इस उपलब्धि में पटना जिला सबसे आगे रहा, जहां अकेले 53 लाख दस्तावेजों का निबंधन कर 609 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व राज्य सरकार को मिला।
मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, दस्तावेज निबंधन प्रक्रिया अब शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में मजबूत हुई है। राजधानी पटना की यह उपलब्धि पूरे राज्य के लिए एक मिसाल बन गई है।
अन्य जिलों का प्रदर्शन
पटना के बाद मोतिहारी में 45 लाख दस्तावेजों का निबंधन हुआ, जिससे 179 करोड़ 51 लाख रुपये की आय हुई। वहीं मुजफ्फरपुर ने 43 लाख दस्तावेजों के निबंधन से 185 करोड़ 84 लाख रुपये का राजस्व अर्जित किया। बेतिया जिले में 34 लाख दस्तावेज निबंधित हुए, जिससे 94 करोड़ 59 लाख रुपये की आय हुई।
इसके अलावा मधुबनी और समस्तीपुर जिलों में 32-32 लाख दस्तावेजों का निबंधन किया गया, जिससे क्रमशः 98 करोड़ 3 लाख रुपये और 115 करोड़ 87 लाख रुपये का राजस्व राज्य को प्राप्त हुआ।
राजस्व संग्रह में सुधार का संकेत
आंकड़े बताते हैं कि बिहार में निबंधन प्रक्रिया अब तेजी से डिजिटल और पारदर्शी हो रही है। शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी लोग संपत्ति और जमीन से जुड़े दस्तावेजों के निबंधन को लेकर पहले से ज्यादा जागरूक हो रहे हैं। इसका सीधा फायदा राज्य सरकार को राजस्व में वृद्धि के रूप में मिल रहा है।
राज्य सरकार का मानना है कि दस्तावेज निबंधन में यह लगातार बढ़ोतरी न केवल सरकारी खजाने को मजबूत कर रही है, बल्कि आम लोगों को भी अधिक सुरक्षित और पारदर्शी व्यवस्था उपलब्ध करा रही है। आने वाले समय में इसमें और तेजी लाने की तैयारी की जा रही है।
पटना – 53 लाख दस्तावेज, 609 करोड़ रुपये राजस्व
मोतिहारी – 45 लाख दस्तावेज, 179.51 करोड़ रुपये राजस्व
मुजफ्फरपुर – 43 लाख दस्तावेज, 185.84 करोड़ रुपये राजस्व