
पटना: शहीद सैनिकों की वीरांगनाओं और पूर्व सैनिकों के आश्रितों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक नई पहल की गई है। अब सेना के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की स्कूली पोशाकें इन वीर महिलाओं के हाथों से तैयार की जाएंगी। यह पहल सैनिक कल्याण निदेशालय, भारतीय स्टेट बैंक और सामाजिक संस्था नव अस्तित्व फाउंडेशन के संयुक्त प्रयास से शुरू की गई है।
राजधानी पटना के अल्बर्ट एक्का भवन में इन महिलाओं के लिए दस दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है। इस शिविर का उद्घाटन बिहार रेजीमेंटल सेंटर के ब्रिगेडियर केडी जसपाल ने किया। प्रशिक्षण के बाद इन वीरांगनाओं को स्वचालित सिलाई मशीन और टूल किट भारतीय स्टेट बैंक द्वारा मुफ्त प्रदान की जाएगी।
वीरांगनाओं को मिलेगा स्थायी रोजगार का अवसर
उद्घाटन के अवसर पर ब्रिगेडियर जसपाल ने कहा, “यह सिर्फ एक प्रशिक्षण नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम है।” उन्होंने बताया कि सेना के सैकड़ों स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की यूनिफॉर्म तैयार करने का ऑर्डर इन्हीं वीरांगनाओं को मिलेगा। इससे न केवल उन्हें सम्मानजनक आजीविका का अवसर मिलेगा, बल्कि समाज में उनकी भूमिका भी सशक्त होगी।
बड़ी संस्थाएं साथ आईं
इस पुनीत कार्य में भारतीय स्टेट बैंक की बिहार-झारखंड इकाई के चीफ जनरल मैनेजर बीके बंगारराजू की प्रमुख भूमिका रही। उन्होंने कहा कि बैंक इस योजना के तहत इन महिलाओं को सिलाई कौशल में प्रशिक्षित कर स्वरोजगार से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रशिक्षण का तकनीकी पक्ष नव अस्तित्व फाउंडेशन द्वारा संभाला जा रहा है।
राज्य के अन्य जिलों में भी होगा विस्तार
कार्यक्रम में सैनिक कल्याण निदेशालय के निदेशक ब्रिगेडियर मृगेंद्र कुमार, सहायक निदेशक कर्नल संतोष कुमार त्रिपाठी, और जिला सैनिक कल्याण पदाधिकारी कर्नल मनोज कुमार समेत कई पूर्व सैनिक और अधिकारी उपस्थित रहे। अधिकारियों ने बताया कि यह शिविर एक मॉडल के रूप में राज्य के अन्य जिलों में भी शुरू किया जाएगा।
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