
पटना, सितम्बर: भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (DARPG) तथा बिहार सरकार के संयुक्त तत्वावधान में 11–12 सितम्बर 2025 को पटना में “जिलों के समग्र विकास” पर राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। यह दो दिवसीय आयोजन पारदर्शी, समावेशी और परिवर्तनकारी शासन प्रणाली की दिशा में भारत के संकल्प को सुदृढ़ करेगा।
सम्मेलन का उद्घाटन 11 सितम्बर को दोपहर 1:30 बजे होगा, जिसका शुभारंभ बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी करेंगे। स्वागत भाषण पुनीत यादव, अतिरिक्त सचिव (DARPG) देंगे। मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. एस. सिद्धार्थ (विकास आयुक्त, बिहार), प्रत्यय अमृत (मुख्य सचिव, बिहार) और वी. श्रीनिवास (सचिव, DARPG) शामिल होंगे। उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री पुरस्कार प्राप्त पहलों (2024) पर आधारित एक विशेष फिल्म भी प्रदर्शित की जाएगी। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे, जबकि विशेष अतिथि बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा होंगे। धन्यवाद ज्ञापन बिहार सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. बी. राजेन्दर देंगे।
सम्मेलन में 200 से अधिक प्रतिनिधि भाग लेंगे, जिनमें जिलाधिकारी, वरिष्ठ प्रशासक और नीति-निर्माता शामिल हैं। 22 से अधिक वक्ता अपनी पुरस्कार-विजेता पहलों को प्रस्तुत करेंगे, जो सेवा-प्रदान को बेहतर बनाने और नागरिकों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए आदर्श मॉडल पेश करेंगे।
पहले दिन (11 सितम्बर) के सत्रों में प्रधानमंत्री पुरस्कार प्राप्त पहलें, जिलों का समग्र विकास, नवाचारपूर्ण प्रयास और बिहार की उपलब्धियां प्रदर्शित होंगी। इनमें नालंदा और बेगूसराय का विकास मॉडल, “दीदी की रसोई”, लोक शिकायत निवारण का अधिकार, और BIPARD की पहलें शामिल हैं। शाम को ताज पटना के वैशाली हॉल में सांस्कृतिक संध्या और रात्रिभोज आयोजित होगा।
दूसरे दिन (12 सितम्बर) प्रधानमंत्री पुरस्कार प्राप्त पहलों (2023–24) पर केंद्रित सत्र होंगे। समापन सत्र में फिल्म प्रदर्शन और वरिष्ठ अधिकारियों के संबोधन होंगे। इसके बाद प्रतिनिधि बोधगया, नालंदा और वैशाली का दौरा करेंगे, जिससे उन्हें बिहार की सांस्कृतिक और विकासात्मक धरोहर का प्रत्यक्ष अनुभव मिलेगा।
बिहार शोकेस में महिलाओं के सशक्तिकरण (जीविका की “दीदी की रसोई” और “लखपति दीदी”), पंचायत व नौकरियों में महिलाओं का आरक्षण, कौशल विकास, तथा डिजिटल गवर्नेंस (ई-ऑफिस, HRMS, CFMS, e-PAR) जैसी पहलें भी प्रस्तुत की जाएंगी।
यह राष्ट्रीय सम्मेलन न केवल शासन की उत्कृष्टता का उत्सव होगा, बल्कि राज्यों और केंद्र के बीच सहयोगात्मक अधिगम और नीतिगत संवाद को भी नई दिशा देगा। बिहार इस अवसर पर अपने नवाचार और सुधारों की यात्रा को देशभर के साथ साझा करेगा।