
भागलपुर: जिला प्रशासन ने मनरेगा योजना में अनियमितताओं और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के गंभीर आरोपों में जगदीशपुर प्रखंड के पंचायत रोजगार सेवक श्री छट्टू दास को सेवा मुक्त कर दिया है। यह कार्रवाई उप विकास आयुक्त सह अपर कार्यक्रम समन्वयक (मनरेगा) श्री प्रदीप कुमार सिंह द्वारा जांच प्रतिवेदन के आधार पर की गई।
क्या हैं आरोप?
शिकायतकर्ता श्री संतोष कुमार द्वारा लगाए गए आरोपों के अनुसार, छट्टू दास ने अपने पिता के नाम पर फर्जी वेंडर “निशांत ट्रेडर्स” बनाकर योजनाओं में गड़बड़ी की। जांच में यह भी सामने आया कि छट्टू दास, उनकी पत्नी, और रिश्तेदारों के नाम पर 13 जगहों पर लगभग ₹59 लाख की संपत्ति (स्टांप शुल्क छोड़कर) खरीदी गई, जिनमें से कुछ संपत्तियां नाबालिग पुत्रों के नाम पर हैं।
पैसे का लेन-देन और बैंकिंग गड़बड़ी
जांच के अनुसार, फर्जी वेंडर निशांत ट्रेडर्स से श्री दास और उनकी पत्नी के संयुक्त बैंक खाते में दो बार ₹5 लाख-₹5 लाख की राशि भेजी गई। बाद में इन राशियों को नकद में निकाला गया, जो बिहार वित्तीय नियमावली का स्पष्ट उल्लंघन है।
श्री दास का बचाव
श्री दास ने अपने बचाव में कहा कि उनके पिता स्वतंत्र रूप से व्यवसाय करते थे और उनका अपनी पंचायत के कार्यों से कोई लेन-देन नहीं था। उन्होंने आय के स्रोत के रूप में आईटीआर की प्रति भी प्रस्तुत की, लेकिन उस आईटीआर के साथ आय का शीर्षवार विवरण नहीं था, जिससे आय का स्रोत प्रमाणित नहीं हो सका।
जांच और निर्णय
- दो स्वतंत्र जांच समितियों (डीआरडीए के निदेशक एवं कार्यपालक अभियंता तथा वरीय कोषागार पदाधिकारी) ने आरोपों को सही पाया।
- शिकायतों की पुष्टि के बाद श्री दास को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया और स्पष्टीकरण मांगा गया।
- स्पष्टीकरण अस्वीकार करते हुए, उनके विरुद्ध अनुबंध समाप्त करने का आदेश जारी किया गया।
अब क्या विकल्प हैं?
श्री दास चाहें तो 30 दिनों के भीतर अपीलीय प्राधिकार के समक्ष अपील दायर कर सकते हैं। यह आदेश बिहार रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी के दिशा-निर्देशों के तहत पारित किया गया है।