
Bhagalpur News: मुजफ्फरपुर जिले के कुढ़नी प्रखंड अंतर्गत जगन्नाथपुर गांव में एक दलित-मजदूर परिवार की 10 वर्षीय नाबालिग बच्ची के साथ हुई बर्बर यौन हिंसा और इलाज में लापरवाही के कारण हुई उसकी मौत के विरोध में आज भागलपुर के तिलकामांझी चौक पर भाकपा-माले, एक्टू और ऐपवा ने आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए सवाल उठाया कि आखिर गरीब और दलित बच्चियां अपराधियों का सॉफ्ट टारगेट क्यों बन रही हैं? उन्होंने इस दर्दनाक घटना को शासन-प्रशासन और स्वास्थ्य व्यवस्था की दोहरी विफलता करार दिया।
प्रमुख मांगें और नारों में उठे सवाल:
- “मोदी-नीतीश शर्म करो!”
- “बेटियों की सुरक्षा और सम्मान की गारंटी करो!”
- “स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे इस्तीफा दो!”
- “बलात्कारियों को स्पीडी ट्रायल के जरिये फांसी दो!”
- “बर्बर यौन हिंसा की शिकार बच्ची को न्याय दो!”
नेतृत्व और वक्तव्य:
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे भाकपा-माले के नगर प्रभारी एवं एक्टू के राज्य सचिव मुकेश मुक्त ने कहा:
“यह घटना केवल यौन हिंसा नहीं, बल्कि बिहार की असंवेदनशील और अमानवीय प्रशासनिक व्यवस्था की पोल खोलती है। पीएमसीएच जैसे बड़े अस्पताल में पीड़िता के इलाज में घोर लापरवाही हुई। सरकार और स्वास्थ्य विभाग इसकी पूरी जिम्मेदारी लें।”
उन्होंने बताया कि पीड़िता अत्यंत गरीब, भूमिहीन परिवार से थी। पिता की पहले ही मृत्यु हो चुकी थी, और मां मजदूरी करके बच्चों का पालन कर रही हैं। पीड़िता के दो छोटे भाई भी हैं। उन्होंने कहा कि इस घटना ने दलित-मजदूर समुदाय में गहरा डर और असुरक्षा पैदा कर दी है।
प्रशासनिक विफलता पर सवाल:
- मुजफ्फरपुर से रेफर करने में देरी।
- पीएमसीएच में घंटों इलाज शुरू नहीं हुआ।
- न कोई मजिस्ट्रेट, न कोई प्रशासनिक प्रतिनिधि अस्पताल में मौजूद।
- स्थानीय भाजपा विधायक की भी चुप्पी।
- गांव की बच्चियां अब स्कूल जाने से डर रही हैं।
भाकपा-माले की मांगें:
- स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे तत्काल इस्तीफा दें।
- पीड़िता के परिजनों को उचित मुआवजा और सुरक्षा दी जाए।
- अपराधियों को शीघ्र गिरफ्तार कर स्पीडी ट्रायल के तहत सजा दी जाए।
- घटनास्थल की माले जांच टीम द्वारा स्वतंत्र जांच की घोषणा।