
Delhi News: मालेगांव विस्फोट मामले में न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय के बाद भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अश्विनी कुमार चौबे ने प्रेस वक्तव्य जारी कर कहा कि यह फैसला भारतीय न्यायपालिका की पारदर्शिता और निष्पक्षता का परिचायक है, परंतु इस मामले ने न्याय प्रणाली के कुछ गंभीर प्रश्न भी खड़े किए हैं।
चौबे ने कहा कि, “यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि वर्षों तक निर्दोष लोगों को झूठे आरोपों में फँसाया गया, जिससे न केवल उनका सामाजिक और पारिवारिक जीवन प्रभावित हुआ, बल्कि राष्ट्रवादी विचारधारा को भी बदनाम करने का षड्यंत्र रचा गया।“
उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर किस षड्यंत्र के तहत ऐसे देशभक्तों को आतंकवादी बताकर न्याय का मजाक उड़ाया गया। यह एक व्यक्ति विशेष की नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्रवादी विचारधारा की छवि को धूमिल करने की सुनियोजित राजनीतिक कोशिश थी।
अश्विनी चौबे ने यह स्पष्ट किया कि भारतीय जनता पार्टी हमेशा न्याय, सच्चाई और राष्ट्रहित के साथ खड़ी रही है और आगे भी इसी पथ पर अग्रसर रहेगी। उन्होंने यह भी मांग की कि जिन लोगों ने झूठे सबूत गढ़े और निर्दोषों को फँसाने की साजिश रची, उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसा अन्याय किसी भी देशभक्त नागरिक के साथ न हो।
अंत में उन्होंने कहा, “अब भारत की जनता जाग चुकी है। देश को अब साजिश की नहीं, राष्ट्र निर्माण की राजनीति की आवश्यकता है।“