
Bhagalpur News: बिहार के भागलपुर जिले के सुल्तानगंज अंचल से एक बड़ा जमीन घोटाला उजागर हुआ है, जहां फर्जी दस्तावेजों और दलालों की मिलीभगत से रेलवे, पहाड़ और आम जनता की जमीनें तक बेची जा चुकी हैं। अवैध तरीके से मोटेशन कर करोड़ों की जमीन पर कब्जा किया गया है, जिससे आम लोग बुरी तरह त्रस्त हैं।
स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठन जन संसद ने इस घोटाले के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संगठन के संयोजक अजीत कुमार यादव ने जिला प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द से जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो जन आंदोलन छेड़ा जाएगा। उन्होंने मांग की कि अंचलाधिकारी को तुरंत बर्खास्त कर गिरफ्तार किया जाए और जिला स्तरीय उच्चस्तरीय जांच कमेटी गठित की जाए।
फर्जी दाखिल दरखास्त से करोड़ों की हेराफेरी
प्राप्त दस्तावेज़ों के अनुसार, 1 जून 2018 को दाखिल दरखास्त संख्या 5787 के जरिए भागलपुर शहरी भूमि को सुल्तानगंज के गांव की जमीन दिखाकर फर्जी मोटेशन कराया गया। इस प्रकार के दर्जनों मामलों में रेलवे और पहाड़ी क्षेत्र की जमीनें तक अवैध रूप से ट्रांसफर की गई हैं।
RTI का भी नहीं मिल रहा जवाब, मुआवजा अटका
ग्रामीणों का आरोप है कि वर्षों से मुआवज़ा भुगतान लंबित है। RTI के जरिए जानकारी मांगने पर भी प्रशासन जानकारी नहीं देता। उलटे जमीनों पर जबरन कब्ज़ा करवा कर पीड़ितों से पैसे की वसूली की जा रही है।
छह वर्षों से एक ही अंचलाधिकारी, भ्रष्टाचार का केंद्र बिंदु
स्थानीय लोगों ने गंभीर आरोप लगाए हैं कि वर्तमान अंचलाधिकारी छह वर्षों से अधिक समय से पद पर जमे हैं और पूरे अंचल में भ्रष्टाचार की जड़ बन चुके हैं। उनका नाम कई विवादित मामलों में सामने आ चुका है, फिर भी कार्रवाई नहीं हो रही है।
जनता का गुस्सा फूटा, आंदोलन की चेतावनी
क्षेत्रीय जनता ने स्पष्ट कहा है कि यदि प्रशासन ने इस गंभीर मुद्दे को नजरअंदाज़ किया, तो वे सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे। उन्होंने जिलाधिकारी से अपील की है कि इस संगठित भ्रष्टाचार के खिलाफ तत्काल सख्त कदम उठाए जाएं।
बाइट: अजीत कुमार यादव, संयोजक – जन संसद
“हम सरकार से मांग करते हैं कि इस गोरखधंधे को जल्द बंद किया जाए, वरना हम सड़कों पर उतरने के लिए विवश होंगे। यह केवल भ्रष्टाचार नहीं, जनता के अधिकारों का अपमान है।”