
पटना: बिहार में संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार को गति देने के उद्देश्य से संस्कृत शिक्षा बोर्ड लगातार नए प्रयास कर रहा है। इसी क्रम में बोर्ड के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार झा ने सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के निदेशक वैभव श्रीवास्तव से मुलाकात की। इस मुलाकात में संस्कृत शिक्षा के क्षेत्र में चल रही योजनाओं और आगामी नवाचारों को जनमानस तक पहुंचाने के लिए प्रभावी रणनीति पर विस्तृत चर्चा की गई।
बैठक के दौरान मृत्युंजय कुमार झा ने कहा कि संस्कृत भाषा हमारी परंपरा, संस्कृति और ज्ञान की धरोहर है। इसके संरक्षण और संवर्धन के लिए जनसामान्य को जोड़ना बेहद जरूरी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि संस्कृत शिक्षा बोर्ड द्वारा प्रस्तावित योजनाओं की सफलता तभी संभव है जब उनका प्रचार-प्रसार व्यापक स्तर पर किया जाए। इस दिशा में सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग का सहयोग मील का पत्थर साबित होगा।
वहीं, निदेशक वैभव श्रीवास्तव ने संस्कृत शिक्षा बोर्ड को हरसंभव सहयोग देने का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि संस्कृत शिक्षा को लोकप्रिय बनाने के लिए विभाग द्वारा एक लघु वृत्तचित्र तैयार कराया जाएगा, जिससे आम जनता के बीच जागरूकता और रुचि दोनों बढ़ेंगी। उन्होंने यह भी बताया कि इस संबंध में बोर्ड से प्राप्त पत्र पर त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
दोनों अधिकारियों के बीच हुई इस सार्थक बातचीत में यह भी तय हुआ कि भविष्य में संस्कृत शिक्षा बोर्ड के कार्यक्रमों, योजनाओं और पहलों को विभागीय स्तर से अधिक प्रभावी तरीके से प्रसारित किया जाएगा। इसका लाभ विद्यार्थियों के साथ-साथ आम नागरिकों को भी मिलेगा।
संस्कृत शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष ने आशा जताई कि इस सहयोग के बाद बिहार में संस्कृत भाषा के प्रति नई ऊर्जा और जागरूकता का संचार होगा। विद्यालय परिसरों में विद्यार्थियों की सहभागिता बढ़ेगी और समाज के हर वर्ग तक संस्कृत की समृद्ध परंपरा का संदेश पहुंचेगा।
इस मुलाकात के बाद यह उम्मीद और प्रबल हो गई है कि बिहार जल्द ही संस्कृत शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेगा और इस दिशा में राज्य एक आदर्श उदाहरण बनेगा।