
भागलपुर/कहलगांव: कहलगांव अनुमंडल क्षेत्र के मध्य विद्यालय त्रिमुहान से एक बेहद चौंकाने वाली और दर्दनाक घटना सामने आई है। स्कूल परिसर में ही आठवीं कक्षा की छात्रा रीता कुमारी की बेरहमी से पिटाई की गई, जिससे वह मौके पर ही बेहोश हो गई। परिजन उसे कहलगांव रेफरल अस्पताल ले गए, जहां से स्थिति गंभीर देखते हुए उसे जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल, भागलपुर रेफर कर दिया गया। फिलहाल रीता की हालत नाजुक बताई जा रही है और उसका इलाज जारी है।
क्या है पूरा मामला?
घटना के प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रीता कुमारी अपनी सहेली के साथ बातचीत कर रही थी, तभी स्कूल की ही एक छात्रा रितु कुमारी को शक हुआ कि वे दोनों उसकी शिकायत कर रही हैं। रितु गुस्से में अपने घर गई और कुछ देर बाद अपनी मां के साथ स्कूल लौटी।
स्कूल पहुंचते ही रितु और उसकी मां ने मिलकर रीता पर हमला कर दिया। लात-घूंसे से हुई पिटाई इतनी बेरहम थी कि रीता घटनास्थल पर ही अचेत हो गई।
स्कूल प्रशासन की भूमिका पर सवाल
सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि पूरे घटनाक्रम की जानकारी स्कूल प्रशासन को समय पर नहीं मिली, और प्राचार्य को भी तुरंत सूचना नहीं दी गई। रीता के परिजनों का आरोप है कि स्कूल प्रशासन ने न तो कोई त्वरित कदम उठाया, न ही प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था की।
रीता के पिता ने मीडिया से कहा:
“हमारी बेटी स्कूल पढ़ने जाती है, न कि मार खाने। स्कूल प्रशासन की यह जिम्मेदारी थी कि घटना के तुरंत बाद हमें सूचना दी जाती और इलाज कराया जाता। लेकिन उन्होंने आंख मूंद ली।“
पुलिस जांच शुरू, अभिभावकों में रोष
घटना की सूचना स्थानीय पुलिस को दे दी गई है, और जांच शुरू कर दी गई है। दूसरी ओर, ग्रामीणों और अभिभावकों में भारी नाराज़गी देखी जा रही है।
लोगों ने स्कूल परिसर में बाहरी व्यक्तियों की घुसपैठ और बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
परिजनों की मांग
रीता के परिजनों और ग्रामीणों की मांग है कि:
- दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
- स्कूल प्रशासन की लापरवाही की जांच हो।
- स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
बड़ा सवाल: क्या हमारे स्कूल सुरक्षित हैं?
यह घटना एक बार फिर से यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमारे शैक्षणिक संस्थान बच्चों की सुरक्षा को लेकर पर्याप्त सजग और जवाबदेह हैं?
अगर स्कूल परिसर में बाहरी व्यक्ति इस तरह हमला कर सकते हैं और प्रबंधन को पता तक न चले, तो यह व्यवस्था पर एक गंभीर प्रश्नचिन्ह है।