
भागलपुर: भागलपुर जिले के पीरपैंती प्रखंड अंतर्गत बड़ी मोहनपुर मध्य विद्यालय में कार्यरत सहायक शिक्षक प्रमोद मंडल की हार्ट अटैक से मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि यह दुखद घटना मतगणना ड्यूटी के अत्यधिक दबाव और मानसिक तनाव के कारण हुई।
ड्यूटी के दबाव में टूट गया शिक्षक का हौसला
मृतक की पत्नी सरिता देवी ने बताया कि मतगणना कंट्रोल रूम से कॉल आया था कि तुरंत पहुंचना है, जिससे उनके पति मानसिक रूप से काफी तनाव में आ गए। जल्दी-जल्दी खाना खाते समय वे अचानक बेहोश होकर गिर पड़े। परिजन उन्हें फौरन पीरपैंती के एक निजी क्लिनिक ले गए, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
परिजनों ने उठाए गंभीर सवाल
मृतक के बड़े भाई राजकुमार मंडल और पत्नी ने बताया कि प्रमोद मंडल को बूथ संख्या 170 पर मतगणना ड्यूटी दी गई थी, जहां उन्होंने पहले ही 75% से अधिक कार्य पूरा कर लिया था। इसके बावजूद कंट्रोल रूम से बार-बार फोन कर अनावश्यक दबाव बनाया गया।
परिजन का यह भी कहना है कि कुछ दिन पहले ही उन्हें बिहपुर उपचुनाव में भी ड्यूटी दी गई थी और लगातार कार्य के बावजूद कोई राहत नहीं दी गई।
छोटे-छोटे बच्चों को छोड़ गए पीछे
45 वर्षीय प्रमोद मंडल अपने पीछे पत्नी सरिता देवी, मां, और तीन छोटे बेटे—लक्षित राज (9 वर्ष), हर्ष राज (6 वर्ष), और ऋषि राज (2 वर्ष)—को छोड़ गए हैं।
उनकी असमय मृत्यु से गांव खवासपुर में गहरा शोक है।
प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने दी श्रद्धांजलि
घटना की जानकारी मिलते ही पीरपैंती की प्रमुख रश्मि कुमारी, बीडीओ अभिमन्यु कुमार, सीओ मनोहर कुमार, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी बालदेव ठाकुर, शिक्षक नेता ओम यादव, मुखिया प्रतिनिधि गुंजन साह और दिलीप मंडल, समाजसेवी विकास कुमार यादव सहित कई प्रतिनिधि मृतक के घर पहुंचे।
सभी ने परिजनों को ढांढस बंधाया और सरकार से उचित मुआवजा देने की मांग की।
अन्य शिक्षकों ने भी कंट्रोल रूम के दबाव की पुष्टि की
प्राथमिक विद्यालय लक्ष्यमिनिया के शिक्षक केशव मंडल ने भी बताया कि उन्हें और प्रमोद मंडल को दो-दो बीएलओ का कार्य सौंपा गया था, जिससे वे मानसिक रूप से बेहद परेशान थे।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि कंट्रोल रूम द्वारा लगातार कॉल कर दबाव बनाया जा रहा था, जबकि शिक्षक पूरी ईमानदारी से अपना कार्य निभा रहे थे।