
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित राज्य कैबिनेट की बैठक में कई ऐतिहासिक निर्णय लिए गए। कुल 36 एजेंडों पर मुहर लगाई गई, जिनमें सबसे अहम फैसला शिक्षक बहाली में बिहार मूल निवासियों को विशेष प्राथमिकता देने का रहा।
अब बीपीएससी के माध्यम से आयोजित होने वाली शिक्षक पात्रता परीक्षा (T.R.E.-4) से ही केवल बिहार डोमिसाइल वाले अभ्यर्थियों को विशेष लाभ मिलेगा। यह निर्णय बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक नियमावली 2025 में संशोधन कर लागू किया गया है। इस निर्णय से राज्य के युवाओं को शिक्षा क्षेत्र में अधिक अवसर मिलेंगे।
85% से अधिक लाभ बिहार के अभ्यर्थियों को
मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने प्रेस वार्ता में बताया कि इस नई नीति के तहत कुल 85% से अधिक लाभ बिहार के मूल निवासियों को सुनिश्चित किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2026 में T.R.E.-5 परीक्षा आयोजित की जाएगी, जबकि इससे पहले एसटीईटी परीक्षा कराई जाएगी।
मानदेय में हुई बड़ी वृद्धि
राज्य सरकार ने विभिन्न श्रेणियों में कार्यरत कर्मियों के मानदेय में भी दोगुनी से अधिक वृद्धि की है। कैबिनेट से इन प्रस्तावों को मंजूरी मिल गई है:
- रात्रि प्रहरी: ₹5,000 → ₹10,000 (राज्य भर में 6,000 कर्मी)
- शारीरिक शिक्षक/अनुदेशक: ₹8,000 → ₹16,000 (2,350 कर्मी)
- रसोइया: ₹1,650 → ₹3,300 (2.18 लाख से अधिक कर्मी)
- आशा कार्यकर्ता: ₹2,000 → ₹3,000 प्रति माह
- ममता कर्मी: ₹300 → ₹600 प्रति प्रसव
- ग्रामीण सफाईकर्मी (नियमित): ₹7,000 → ₹9,000 प्रति माह
- ग्रामीण सफाईकर्मी (अंशकालिक): ₹3,000 → ₹5,000 प्रति माह
छात्राओं की उपस्थिति नीति में बदलाव
मुख्यमंत्री किशोरी स्वास्थ्य योजना, छात्रवृत्ति योजना, और साइकिल योजना के तहत लाभ पाने के लिए अब कक्षा 7वीं से 12वीं तक की छात्राओं की 1 अप्रैल से 31 जुलाई तक की 75% उपस्थिति को मान्य माना जाएगा। इससे छात्राओं को योजनाओं का लाभ लेने में अधिक स्पष्टता और सहूलियत मिलेगी।