
नई दिल्ली/पटना/बक्सर/भागलपुर: बिहार के लिए गर्व का क्षण आ गया है। गोकुल जलाशय (बक्सर) और चम्पारण जलाशय को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रामसर साइट का दर्जा मिला है। यह उपलब्धि न केवल राज्य बल्कि पूरे देश के लिए एक मील का पत्थर है। पूर्व केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री तथा बक्सर के पूर्व सांसद अश्विनी कुमार चौबे ने इस अवसर पर जनता को हार्दिक बधाई दी और इसे अपने संसदीय कार्यकाल की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक बताया।
चौबे की पहल से बनी राह
श्री चौबे ने कहा कि जब वे केंद्रीय मंत्री थे, तभी उन्होंने गोकुल जलाशय को Ramsar Convention के तहत शामिल करने की पहल की थी। राज्य सरकार से प्रस्ताव मंगवाकर केंद्र को भेजा गया और वर्ष 2023-24 में लगभग ₹62 करोड़ (₹6152.8 लाख) की Integrated Management Plan (IMP) भी स्वीकृत कराई गई। इस योजना में Institution & Governance (₹1329.8 लाख), Land & Water Management (₹1051 लाख), Conservation of Species & Habitat (₹1860 लाख) और Livelihood Promotion (₹1912 लाख) जैसे प्रावधान शामिल हैं।
पर्यावरण और विकास का संगम
रामसर साइट का दर्जा मिलने से गोकुल जलाशय को वैश्विक पहचान मिलेगी। यहाँ की जैव विविधता की सुरक्षा, जल संरक्षण और पर्यावरणीय संतुलन को नई मजबूती मिलेगी। साथ ही, इको-टूरिज्म और स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। चौबे ने कहा कि यह कदम बक्सर और आसपास के क्षेत्रों में सतत विकास की दिशा में बड़ा परिवर्तनकारी साबित होगा।
प्रधानमंत्री का आशीर्वाद
श्री चौबे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश का स्वागत किया, जिसमें उन्होंने बिहार और बक्सर की जनता को बधाई दी थी। चौबे ने कहा—“प्रधानमंत्री जी का मार्गदर्शन और आशीर्वाद ही इस ऐतिहासिक उपलब्धि की नींव है। इससे बक्सर के लोगों का आत्मविश्वास और गर्व और भी बढ़ा है।”
जनता से वादा
अंत में चौबे ने कहा कि गोकुल जलाशय का अंतर्राष्ट्रीय दर्जा बिहार की प्रतिष्ठा को नई ऊँचाई देगा। उन्होंने वादा किया कि आगे भी क्षेत्र के पर्यावरण संरक्षण, जैव विविधता संवर्द्धन और विकास कार्यों के लिए वे निरंतर प्रयासरत रहेंगे।